जब भी गधों का नाम जुबान पर आता है, तो लोग हमेशा ये समझते हैं कि ये सिर्फ बोझा उठाने का काम करते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि गधों का आईक्यू लेवल लगभग इंसानों के बराबर होता है. आज हम आपको बताएंगे कि गधों का आईक्यू लेवल कितना होता है. 


गधों का IQ लेवल


गधों का आईक्यू लेवल इंसानों के बराबर होता है. दुनिया के कई देशों में द डोंकी सेंचुरी भी है, जहां उनकी ब्रीडिंग से लेकर पालन-पोषण तक किया जाता है. इसके अलावा उन पर कई जरूरी शोध भी जारी है. द डोंकी सेंचुरी ब्रिटेन के एक अध्ययन के मुताबिक गधा तेज़ याददाश्त और सीखने की क्षमता वाला बुद्धिमान जानवर होता है. 


रिसर्च के मुताबिक


विज्ञान की शोधपरक साइट साइंसडायरेक्ट डॉट कॉम के मुताबिक गधों का आईक्यू का प्रतिशत 27.62% है, जबकि मनुष्यों के लिए यह 33.23% है. वैसे कुछ अध्ययन ये भी बताते हैं कि गधों की औसत IQ सीमा 100 के मानव IQ के समान होती है. गधों को उत्कृष्ट याददाश्त और डॉल्फ़िन और कुत्तों के समान तेज गति से सीखने और समस्या-समाधान करने की क्षमता वाला अत्यधिक बुद्धिमान जानवर माना जाता है. वे अच्छे और बुरे अनुभवों को लंबे समय तक याद रख सकते हैं. इसके अलावा वो लंबे समय तक लोगों के संपर्क में रहते हैं, तो उनका चेहरा भी याद रख सकते हैं. गधों के पास समस्या-समाधान के लिए एक तार्किक, लचीला दृष्टिकोण भी होता है. वे जटिल मार्गों को याद कर सकते हैं. उन जानवरों को पहचान सकते हैं, जिन्हें उन्होंने वर्षों से नहीं देखा होता है. 


इसके अलावा गधे आमतौर पर प्यारे और कोमल होते हैं. वो बढ़िया पालतू जानवर बन सकते हैं. हालांकि वे काफी चतुर होते हैं. वह खुद पर चिल्लाए जाने या किसी भी चीज के लिए दबाव डाले जाने से नफरत करते हैं. गधों में आत्म-संरक्षण की गहरी भावना होती है. यदि उन्हें लगता है कि वे खतरे में हैं, तो भागने के बजाय वो अपनी बात पर अड़े रहेंगे. इसके अलावा आगे बढ़ने से इनकार कर देंगे, जिससे उन्हें अपना निर्णय लेने का समय मिल जाता है. 


गधों की नस्लें


जानकारी के मुताबिक दुनियाभर में गधों की करीब 97 नस्लें हैं. जबकि दुनियाभर में करीब 04 करोड़ गधे होने का अनुमान है. इतिहासकार बताते हैं कि इनकी मूल उत्पत्ति अफ्रीका में हुई थी और फिर ये वहां से दुनियाभर में फैले थे. वहीं चौथी सदी के आसपास मिस्र में सबसे पहले इनके पालतू बनाए जाने का जिक्र मिलता है. हालांकि इनकी कई नस्लें समय के साथ लुप्त हो चुकी हैं. 


 


ये भी पढ़ें: Golgappa: क्या वाकई नमक के तेजाब से बनता है गोलगप्पों का पानी, स्वाद से कैसे लगा सकते हैं इसका पता