Method of Checking Gold: सोना चेक करने का क्या है तरीका, कितने कैरेट का गोल्ड प्योर
आज के वक्त अधिकांश लोग सोना में निवेश करना पसंद करते हैं. लेकिन सोना कितना प्योर है, इसकी जानकारी सबको नहीं होती है. आज हम आपको बताएंगे आप घर पर कैसे प्योर सोने की पहचान कर सकते हैं.
दुनियाभर में जब भी निवेश की बात होती है, तो लोग जमीन और सोना में निवेश करना पसंद करते हैं. लेकिन सवाल ये है कि आखिर शुद्ध सोना की पहचान क्या है और इसे कैसे चेक किया जा सकता है. जब कैरेट की बात होती है, तो कितने कैरेट का गोल्ड प्योर माना जाता है.
शुद्ध सोना
भारत में धनतेरस से लेकर शादी विवाह तक लोग सोना खरीदना पसंद करते हैं. सोना खरीदते वक्त अधिकांश लोग इस बात से डरते हैं कि ये प्योर है या नहीं. इसके अलावा एक सवाल हमेशा उठता है कि कितना कैरेट गोल्ड प्योर होता है.
सोने की शुद्धता का गणित
अधिकांश लोगों को पता ही होगा कि सोने की शुद्धता को कैरेट में मापा जाता है. जिसे “kt” या “k” से दर्शाया जाता है. 24 कैरेट सोना सबसे अधिक शुद्ध यानी इसमें 99.9 प्रतिशत सोना होता है. लेकिन सोना इतना नरम होता है कि आभूषण बनाने के लिए इसमें कुछ अन्य धातुएं मिलाना जरूरी होता है. आसान भाषा में 18k सोने में 18 भाग सोना और 6 भाग किसी अन्य धातु के होते हैं.
कितना सोना शुद्ध?
24 कैरेट – 99.9% शुद्ध सोना (999), 22 K – 91.7% शुद्ध सोना (917), 18 K – 75% शुद्ध सोना (750), 14 K – 58.3% शुद्ध सोना (583), 10 K – 41.7% शुद्ध सोना (417) है.
घर पर सोना कैसे चेक करें?
बता दें कि सिरका परीक्षण के जरिए सोना की प्योरिटी चेक की जा सकती है. गोल्ड की प्योरिटी जांचने के लिए आपको बस अपने सोने के टुकड़े पर सिरके की कुछ बूंदें डालनी होती है. इस दौरान अगर रंग बदलता है तो यह अशुद्ध है. लेकिन यदि ये वैसा ही रहता है, तो यह शुद्ध है.
चुंबक से जांच
सोना में मिलावट का चुंबक से जांच करना एक आसान तरीका है. दरअसल कई अन्य धातुओं में चुंबकीय गुण होते हैं. लेकिन सोना नॉन रिऐक्टिव नॉन चुंबकीय मेटल है. इसलिए असली सोना चुंबक के पास रखते हैं, तो आपको कोई बदलाव नहीं दिखेगा.
हॉलमार्क
सोना की शुद्धता जांचने के लिए सबसे आसान तरीका हॉलमार्क ढूंढना है. हॉलमार्क सोने के आभूषणों पर लगने वाला एक सरकारी निशान होता है, जो एक सरकारी स्टैंप की तरह होता है. आमतौर पर ये लोगो आभूषण के पिछले हिस्से पर होता है. बता दें कि हॉलमार्क एक प्रकार का सर्टिफिकेट है, जो बीआईएस यानी भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा जारी किया जाता है.
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