World's Most Remote Location: क्या आप जानते हैं कि धरती की एक ऐसी जगह भी है जहां आजतक सिर्फ एक इंसान गया है. इसे धरती की सबसे सुनसान जगह भी कहा जाता है. इस जगह पर आपको दूर-दूर तक कोई इंसान देखने को नहीं मिलेगा. देखने में ये आपको काफी खोफनाक भी लग सकती है, ये जगह कोई आइलैंड या फिर को खाली पड़ी जगह नहीं है, बल्कि समुद्र का वो हिस्सा है जिसे धरती का एक छोर और स्पेस के बहुत करीब भी माना जाता है.
धरती की ये जगह है सबसे सुनसान
दरअसल हम पाइंट नीमो (Point Nemo) की बात कर रहे हैं. बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, पॉइंट नीमो दक्षिण प्रशांत महासागर में न्यूजीलैंड और चिली के बीच समुद्र में एक जगह है, जिसे जमीन से सबसे दूर माना जाता है. आपको जानकर हैरानी होगी कि ये जगह जमीन से 2,688 किलोमीटर दूर मौजूद है. ये जगह समुद्र को वो बिंदु है जो, जो सबसे दुर्गम है. बता दें कि इस जगह से अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन महज 415 किलोमीटर की दूर मौजूद है.
सिर्फ ये ही पहुंच सके इस जगह
स्पेस में तो अबतक कई लोग जा चुके हैं, लेकिन धरती पर ही मौजूद ये जगह इतनी दुर्गम है कि अब तक यहां सिर्फ एक ही व्यक्ति पहुंच सका है और वो शख्स नॉर्थ यॉर्कशायर के 62 साल के क्रिस ब्राउन थे. जो अपने 30 साल के बेटे के साथ इस जगह गए थे.
वो अपनी शिप हैंसे एक्सप्लोरर और उसके क्रू के साथ इस जगह पर फतह पाने की कोशिश करने के लिए 12 मार्च 2024 को चिले के पुएर्टे मॉन्ट से निकले थे. जो 20 मार्च को इस स्थान पर पहुंच पाए थे. बीच रास्ते में उन्हें बड़े-बड़े घरों के बराबर ऊंची लहरों का भी सामना करना पड़ा, वहीं जहाजी मतली और चक्रवात को झेलते हुए वो इस जगह पर पहुंचे थे. यहां पहुंचते ही उन्होंने तय किया कि वो इस जगह पर समुद्र में तैरेंगे जहां पानी का तापमान 7 डिग्री सेल्सियस तक ठंडा होता है. क्रिस के पहले इस जगह पर और कोई नहीं पहुंचा था. हालांकि अपना सफर पूरा करके 31 मार्च को वो वापस लौट आए थे.
स्पेसक्राफ्ट का कब्रिस्तान
बता दें इस जगह को सैटेलाइट का कब्रिस्तान कहना भी गलत नहीं होगा. बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, 1971 से 2008 के बीच ग्लोबल स्पेस पावर, जैसे अमेरिका, रूस, जापान और यूरोप जैसे देशों ने यहां 263 स्पेस ऑब्जेक्ट को गिराया. यहां सोवियत मीर स्पेस स्टेशन, 140 रूसी रीसप्लाई वेहिकल आदि को भी गिराया जा चुका है. सबसे हालिया स्पेस एक्स द्वारा एक कैप्सूल रॉकेट को यहां गिराया जाना था. यही वजह है कि इसे स्पेसक्राफ्ट का कब्रिस्तान भी कहा जाता है.
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