सोचिए आप किसी रेगिस्तान में हों और अचानक आपको तरह तरह के संगीत सुनाई देने लगे तो आपका हाल क्या होगा. आप कितने भी बहादुर क्यों ना हों एक पल के लिए आपके मन में डर जरूर बैठेगा कि आखिर इस बियाबान में जहां दूर दूर तक इंसान तो क्या एक हरा पेड़ भी नहीं है ये संगीत कहां से बजने लगा. कुछ लोगों के मन में तो ये भी ख्याल आने लगेगा कि कहीं ये संगीत दूसरी दुनिया से तो नहीं आ रहा. कुछ लोग इसे भूत प्रेत से भी जोड़ कर देखेंगे. खैर, जितने इंसान उतनी तरह की बातें. लेकिन सबसे बड़ा सवाल तो ये है कि आखिर ये संगीत सुनाई कहां देता है?
कहां है ये रहस्यमयी रेगिस्तान?
हम जिस रहस्यमयी रेगिस्तान की बात कर रहे हैं वो अफ्रीका के महाद्वीप मोरक्को में पड़ता है. मोरक्को के इस रेगिस्तान में आज से नहीं सदियों से ये संगीत सुनाई देता है. सबसे जरूरी बात कि जिस जगह पर ये संगीत सुनाई देता है वहां दूर दूर तक कोई इंसानी बस्ती नहीं है. यहां तक की कोई पेड़ भी नहीं है. ये पूरा इलाका एकदम बियाबान रेगिस्तान है. यही वजह है कि स्थानीय लोग मानते हैं कि ये धुन किसी दूसरी दुनिया से आती है.
किस तरह का संगीत बजता है?
इस पूरे घटना में सबसे हैरानी की बात ये संगीत ही है. दरअसल, लोगों को जो संगीत सुनाई देता है वो हर बार अलग होता है. कभी लोगों को इस रेगिस्तान में गिटार का संगीत सुनाई देता है तो कभी इस रेगिस्तान में वायलिन का संगीत सुनाई देता है. इसके साथ ही अन्य वाद्ययंत्रों का भी संगीत लोगों को इस रहस्यमयी रेगिस्तान में सुनाई देता है.
इसे लेकर वैज्ञानिक क्या कहते हैं?
वैज्ञानिक इस रेगिस्तान में सुनाई देने वाले आवाज के लिए कुछ और ही तर्क देते हैं. वैज्ञानिकों का मानना है कि रेगिस्तान में आने वाली ये धुन कुछ और नहीं बल्कि रेत के खिसकने से आने वाली आवाज है जो हवा के साथ मिलकर अलग तरह से सुनाई देती है. वैज्ञानिक कहते हैं कि इस आवाज को हम जिस तरह के पर्सेप्शन के साथ सुनते हैं, हमें वो वैसी ही सुनाई देती है.
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