दुनिया में एक से बढ़कर एक राजा हुए, लेकिन उनके घोड़े भी खास थे. जिन्हें वीर की उपाधि दी जाती थी. उन्हीं में से एक था चेतक. महाराणा प्रताप के घोड़ेे चेतक की कई वीर गाथाएं हैं. हल्दी घाटी के युद्ध में घायल अवस्था में भी चेतक अपने घायल शासक महाराणा प्रताप को बाहर ले आया था. चेतक को हवा में दौड़ने वाले घोड़े के रूप में भी जाना जाता था. उसका स्मारक आज भी मौजूद है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया पर राज करने वाले सिकंदर के घोड़े का नाम क्या था. यदि नहीं तो चलिए जानते हैं. 


क्या था सिकंदर के घोड़े का नाम?
सिकंदर का घोड़े का नाम ब्यूूसेफेलस था. उसी घोड़े के नाम से सिकंदर ने झेलम नदी के तट पर ब्यूसेफेला नाम से एक नगर बसाया था. ब्यूसेफेलस विश्व के इतिहास में सबसे प्रसिद्ध घोड़ों में से एक था. सिकंदर ने इस घोड़े को उस वक्त अपना बनया था जब किसी की उसके पास जाने तक की हिम्मत नहीं होती थी. दरअसल ब्यूसेफेलस एक जंगली घोड़ा था, जिससे अच्छे से अच्छे घुड़सवार डरते थे और दूर भागते थे. एक बार जब सिकंदर उस घोड़े के पास गया तो उसने ब्यूसेफेलस की कमजोरी भांप ली और उसका सिर सूरज की और कर दिया. दरअसल कहा जाता है कि ब्यूसेफलस अपनी ही परछाई  से डरता था. जिसके चलते वो ऐसा व्यवहार करता था. बस इस वाक्ये के बाद सिकंदर ने ब्यूसेफेलस को और ब्यूसेफेलस ने सिकंदर को कभी नहीं छोड़ा.


अपने घोड़े के लिए एक देश तक खत्म करने को तैयार था सिकंदर
सिकंदर अपने घोड़े ब्यूसेफेलस से बहुत प्यार करता था. कहा जाता है कि ब्यूसेफेसल युद्ध में भी बहुत उत्कृष्ट था. एक बार जब युद्ध के दौरान उसे बंदी बना लिया गया था तो सिकंदर ने ब्यूसेफेलस को वापस न लौटाए जाने पर पूूरे देश को खत्म करने तक की धमकी दे दी थी.                 


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