धरती के रहस्य आज तक पूरी तरह से सुलझाए नहीं गए हैं. वैज्ञानिकों को आज भी पृथ्वी से जुड़ी ऐसी ऐसी नई जानकारियां मिलती हैं कि आप हैरान हो जाएंगे. अब हाल ही में वैज्ञानिकों ने हिमालय में एक प्राचीन महासागर का पता लगाया है. सबसे हैरानी की बात ये है कि ये महासागर लगभग 60 करोड़ साल पुराना है. चलिए इस आर्टिकल में आपको इससे जुड़ी पूरी जानकारी देते हैं. इसके साथ ही आपको ये भी बताते हैं कि आखिर ये महासागर बना कैसे और इसके पीछे की पूरा रासायनिक प्रक्रिया क्या है. 


कैसे मिला ये महासागर?


इस महासागर को बेंगलुरु के भारतीय विज्ञान संस्थान और जापान के निगाटा यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने तलाशा है. दरअसल, वैज्ञानिक जब यहां जांच कर रहे थे तो उन्हें यहां पुराने खनिज के भंडार में फंसी कुछ पानी की बूंदें मिलीं, जिससे इस 60 करोड़ वर्ष पुराने महासागर का पता चला. वैज्ञानिकों का मानना है कि इससे उन्हें अतीत में हुए महत्वपूर्ण ऑक्सीजनीकरण या ऑक्सीजनेशन की घटनाओं की जानकारी मिलेगी.


टेथिस महासागर के बारे में जानिए


हम जिस महासागर की बात कर रहे हैं. वो टेथिस महासागर है. दरअसल, वैज्ञानिकों ने जब इसकी खोज की तो उन्होंने समुद्र की ग्रीक देवी टेथिस के नाम पर इस सागर का नाम रखा. पृथ्वी पर ये करीब 60 करोड़ साल से लेकर 25 करोड़ साल पहले तक मौजूद था. वैज्ञानिकों का मानना है कि ये महासागर पुरातन गोंडवाना और लूरेशिया महाद्वीपों के बीच स्थित था. वहीं प्रीकैम्ब्रियन रिसर्च में प्रकाशित एक रिसर्च के मुताबिक, ये महासागर एक तरह का टाइम कैप्सूल है. दरअसल, इसमें कैल्शियम, औरमैग्नीशियम कार्बोनेट जैसे तत्व भरे पड़े थे.


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