दुनिया का एकमात्र ऐसा देश जो कभी भी किसी का गुलाम नहीं रहा, जानिए क्या रहा इसके पीछे कारण
भारत का पड़ोसी देश नेपाल इतिहास में आज तक किसी का गुलाम नहीं बना. एक और जहां भारत पर कई आक्रमणकारियों ने आक्रमण किया लूटा तबाही मचाई. अंग्रेजों ने तो इस लूट को चरम सीमा तक पहुंचा दिया
![दुनिया का एकमात्र ऐसा देश जो कभी भी किसी का गुलाम नहीं रहा, जानिए क्या रहा इसके पीछे कारण The only country in the world that has not been ruled by anyone दुनिया का एकमात्र ऐसा देश जो कभी भी किसी का गुलाम नहीं रहा, जानिए क्या रहा इसके पीछे कारण](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/12/29/f02e077d7851938ff7f689dc95fa2c271703838589635907_original.png?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
ब्रिटेन ने भारत पर 200 साल तक राज किया था सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि ब्रिटेन ने दुनिया के 56 देश को अपना गुलाम बनाया था. एक स्टडी के मुताबिक ब्रिटेन ने तकरीबन दुनिया के 90 फ़ीसदी देशों पर हमला किया था. यहां तक की दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमेरिका को भी ब्रिटेन ने अपना गुलाम बनाया था. दुनिया में कई देश ऐसे भी हैं जो ब्रिटेन के गुलाम नहीं रहे जिनमें नेपाल,भूटान, ईरान, सऊदी अरब जैसे देश शामिल हैं. लेकिन इन देशों में एक देश ऐसा भी है. जिस पर इतिहास में ब्रिटेन तो क्या किसी भी बाहरी शासक ने राज नहीं किया. आइए जानते हैं पूरी खबर.
नेपाल पर किसी ने राज नहीं किया
भारत का पड़ोसी देश नेपाल इतिहास में आज तक किसी का गुलाम नहीं बना. एक और जहां भारत पर कई आक्रमणकारियों ने आक्रमण किया लूटा तबाही मचाई. अंग्रेजों ने तो इस लूट को चरम सीमा तक पहुंचा दिया. दुनिया की शायद ही ऐसी कोई शक्ति बची हो जिसने भारत को लूट ना हो या लूटने की सोची ना हो. इनमें से कई ने तो इस लूट के साथ-साथ भारत पर राज भी किया थोड़ा बहुत नहीं कई सालों तक. अंग्रेजों ने तो दो सदी तक राज किया. लेकिन भारत के पडोसी देश नेपाल पर कोई भी राज नहीं कर पाया. कोई भी विदेशी ताकत कभी नेपाल को गुलाम नहीं बना पाई. हजारों किलोमीटर से आकर दिल्ली पर विदेशियों ने कब्जा किया. लेकिन दिल्ली से 600-700 किलोमीटर की दूरी पर बसे नेपाल तक वह नहीं पहुंचे.
क्या रही इसकी वजह
जब कोई यह सुनता है कि नेपाल पर कोई भी राज नहीं कर पाया. किसी ने भी उसे गुलाम नहीं बन पाया तो मन में सवाल आता है कि शायद नेपाल में ऐसा कुछ रहा नहीं होगा जिसके लिए वहां राज किया जाए. लेकिन किसी देश को अपना अधीन बनाना वहां अपनी सत्ता कायम करना यह तो शक्ति की निशानी मानी जाती थी. तो फिर ऐसे में तो कोई भी देश हो उस पर राज किया जा सकता था. लेकिन नेपाल पर फिर भी नहीं कर पाए. चलिए इसके पीछे का जो सच है वह हम आपको बताते हैं. दरअसल ऐसा नहीं था कि नेपाल कोई मामूली देश था या गरीब देश था इसलिए वहां कब्जा नहीं हुआ. नेपाल तिब्बत,भारत और चीन के बीच होने वाले व्यापार के लिए एक प्रमुख केंद्र था. सारा व्यापार इसी रास्ते से होता था.
मुस्लिम शासक राज नहीं कर पाए
नेपाल पर ऐसा नहीं है कि मुस्लिम शासको ने राज करने की कोशिश नहीं की. सबसे पहले शमसुद्दीन इलियास शाह ने सन 1349 में नेपाल पर हमला किया. काठमांडू को लूट लेकिन कुछ समय बाद ही गोरख सी ने समसुद्दीन को वापस भेज दिया. दूसरी बार नेपाल पर 18वीं सदी में मीर कासिम में हमला किया. लेकिन मीर कासिम की सेवा को नेपाल के गोरखा सेना ने हरा कर वापस भेज दिया.
अंग्रेजों को करना पड़ा समझौता
अंग्रेजों ने भी नेपाल पर राज करने की कोशिश तो की थी इसके लिए एक बहुत बड़ा युद्ध भी हुआ था दरअसल 1814 से लेकर 1816 तक अंग्रेजों और नेपाल के बीच युद्ध हुआ जिसे गोरख युद्ध कहा गया था गोरखा साम्राज्य जिसे आज नेपाल कहा जाता है और ईस्ट इंडिया कंपनी के बीच यह युद्ध हुआ था उसे समय अंग्रेजों का कब्जा पूरे भारत पर नहीं था सिख साम्राज्य का तब दबा था गोरखा साम्राज्य भी उसे समय काफी शक्तिशाली था भारत में अभी के राज्य सिक्के कुमाऊं और गढ़वाल पर उन्होंने कब्जा कर लिया था.
गोरखाओं के मन में था कि वह अवध पर कब्जा करें. अवध जो ईस्ट इंडिया कंपनी के अधीन था. अंग्रेज और गोरखाओं के बीच युद्ध हुआ युद्ध का परिणाम नहीं निकला. दोनों के बीच एक समझौता हुआ जिसे सुगौली की संधि कहा जाता है. इसके बाद गोरखाओं ने अंग्रेजों को कुमाऊं और गढ़वाल क्षेत्र सौंप दिया और अंग्रेजों ने नेपाल पर दोबारा हमला न करने का वचन दिया.
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