Oath Ceremony: प्रधानमंत्री को तो राष्ट्रपति शपथ दिलवाते हैं, फिर राष्ट्रपति को कौन शपथ दिलाता है?
पीएम नरेंद्र मोदी को आज यानी 9 जून के दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलाएंगी. लेकिन सवाल ये है कि राष्ट्रपति को शपथ कौन दिलाता है और इसके लिए क्या नियम हैं.
नरेंद्र मोदी आज यानी 9 जून के दिन भारत के प्रधानमंत्री के रूप में तीसरी बार शपथ लेंगे. प्रधानमंत्री को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू शपथ दिलाएगी. लेकिन सवाल ये है कि जब प्रधानमंत्री को राष्ट्रपति शपथ दिलवाते हैं, फिर राष्ट्रपति को कौन शपथ दिलाता है? आज हम आपको बताएंगे कि राष्ट्रपति का शपथ समारोह कैसे होता है.
राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री शपथ
पीएम नरेंद्र मोदी को आज यानी 9 जून के दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू शपथ दिलाएगी. लेकिन देश के राष्ट्रपति को शपथ कौन दिलाता है. गौरतलब है कि राष्ट्रपति चुनाव 2022 के परिणाम राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू ने विपक्षी दलों के संयुक्त उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को हरा दिया था. इसके साथ ही द्रौपदी मुर्मू देश की 15वीं राष्ट्रपति के रूप में कार्यभार संभाला था.
राष्ट्रपति का चुनाव
बता दें कि संविधान के अनुच्छेद 54 के तहत भारत के राष्ट्रपति का चुनाव होता है. अनुच्छेद 54 के मुताबिक राष्ट्रपति का चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से होता है. यानी इस चुनाव में गुप्त मतदान होता है. देश के चुने हुए जनप्रतिनिधि (लोकसभा एवं राज्यसभा के सांसद और राज्यों की विधानसभाओं के विधायक) देश के राष्ट्रपति का चुनाव करते हैं.
मतदाताओं को कहते हैं इलेक्टोरल कॉलेज
वहीं मतदान करने के योग्य सांसदों और विधायकों को इलेक्टोरल कॉलेज कहा जाता है. भारत में विशेष तरीके की वोटिंग प्रक्रिया अपनायी जाती है. इसे सिंगल ट्रांसफरेबल वोट सिस्टम कहते हैं. सिंगल वोट यानी एक वोटर सिर्फ एक वोट देता है. हालांकि वह कई उम्मीदवारों को भी वोट दे सकता है, लेकिन इसके लिए उसे प्रत्याशियों की प्राथमिकता बतानी होती है.
भारत के राष्ट्रपति को शपथ
अब चुनाव में जीत दर्ज करने वाले राष्ट्रपति को शपथ कौन दिलाता है. भारत के चीफ जस्टिस शपथ दिलाते हैं. भारत के मुख्य न्यायाधीश यानी सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस भारत के प्रथम नागरिक को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाते हैं. मुख्य न्यायाधीश की अनुपस्थिति में सुप्रीम कोर्ट के सबसे सीनियर जज राष्ट्रपति को शपथ दिलवाते हैं. संविधान के अनुच्छेद 60 में राष्ट्रपति को शपथ दिलाने को लेकर स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है. राष्ट्रपति का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है.
बता दें कि भारत के राष्ट्रपति सेना, वायु सेना और नौसेना के सुप्रीम कमांडर होते हैं. भारत के राष्ट्रपति ही चीफ जस्टिस, सुप्रीम कोर्ट और राज्यों के हाईकोर्ट के जजों, राज्यपालों, चुनाव आयुक्तों और दूसरे देशों में राजदूतों की नियुक्ति करते हैं. वहीं अनुच्छेद 72 के तहत भारत के राष्ट्रपति को किसी अपराध के लिए दोषी ठहराये गये किसी व्यक्ति की सजा माफ करने का अधिकार है. वह किसी के मृत्युदंड को भी माफ कर सकते हैं.
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