प्रसिद्ध तिरुपति मंदिर के प्रसाद में घटिया सामग्री और पशु चर्बी के कथित उपयोग का विवाद अब गंभीर और राजनीतिक होते जा रहा है. सोशल मीडिया पर देश-विदेश से यूजर्स इसकी जांच कराने की मांग कर रहे हैं और ऐसे कृत्यों को आस्था के साथ खेलवार बताया है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि किसी भी खाने की चीजों में एनिमल फैट की मिलावट कैसे होती है और इसकी पहचान क्यों नहीं हो पाती है. आज हम आपको बताएंगे कि एनिमल फैट की मिलावट कैसे होती है. 


तिरुपति मंदिर


तिरुपति मंदिर में एनिमल फैट घी प्रसाद मामला हर दिन बढ़ता जा रहा है. इस मामले की गंभीरता को देखते हुए एसआईटी  का गठन सरकार ने किया है. इसके अलावा पुजारियों द्वारा मंदिर का शुद्धिकरण किया गया है. मंदिर को पंचगव्य (गोबर, गौ मूत्र, दूध, घी, दही) से मंदिर को शुद्ध किया गया. 


क्या है शुद्धिकरण?


शुद्धिकरण यानी किसी वस्तु की साफ-सफाई करके उसे शुद्ध बनाना होता है. तिरुपति मंदिर में एनिमल फैट घी के इस्तेमाल के बाद से ही इसे अशुद्ध माना रहा था. यही कारण है कि पुजारी साफ-सफाई और पूजा-पाठ के जरिए मंदिर की शुद्धिकरण किया है. 


फॉरिन फैट 


अब समझते हैं कि एनिमल फैट क्या होता है और इसका कैसे इस्तेमाल होता है. बता दें कि जब किसी डेयरी प्रोडक्ट को बनाने के लिए नॉन डेयरी प्रोडक्ट का इस्तेमाल किया जाता है, उसे फॉरेन फैट कहा जाता है. बता दें कि भैंस, भेड़, बकरी, गाय और हिरण जैसे जुगाली करने वाले जानवरों की चर्बी यानी फैट को बीफ टैलो कहते हैं. यह नॉर्मल टेंपरेचर पर एक सफेद रंग की चर्बी होती है. इस चर्बी को इन जानवरों के रंप रोस्ट, पसलियों और स्टेक के टुकड़ों से निकाला जाता है. इस फैट को उबालकर घी की तरह बनाया जाता है. विदेशों में ये काफी खाया जाता है. वहां कई लोग ब्रेड में मक्खन के तौर पर बीफ टैलो का इस्तेमाल करते हैं. 


शुद्ध है या मिलावटी?


अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर शुद्ध और मिलावटी की पहचान कैसे होती है. बता दें कि घी शुद्ध है या उसमें एनिमल फैट मिला हुआ है, ये पहचानना आसान नहीं है. क्योंकि मिलावट करने वाली कंपनियां इसको इस तरीके से मिलाकर पेश करती हैं, जिसको पहचानना मुश्किल होता है. वहीं हर चीज का लैब टेस्ट होना भी मुमकिन नहीं है. हालांकि कई बार बार अपनी सूंघने की शक्ति का इस्तेमाल करके पता करने की कोशिश कर सकते हैं. इसके अलावा एक सफेद कागज पर एक चम्मच घी फैला देना चाहिए. इसे कुछ देर ऐसे ही रहने दें. वहीं अगर आप कागज पर कोई धब्बा देखते हैं, तो समझ जाइए कि आपके घी में मिलावट है. क्योंकि शुद्ध घी कोई दाग या धब्बा नहीं छोड़ता है.