Sao Joao Festival: भारत अपनी विभिन्न संस्कृतियों के लिए जाना जाता है. इस देश में कई प्रकार के त्योहार मनाए जाते हैं, जो हर राज्य के अपने विशेष त्योहारों के रूप में जाने जाते हैं. गोवा भी ऐसा ही एक राज्य है जहां एक विशेष त्योहार मनाया जाता है, जिसे दूर-दूर से लोग देखने आते हैं. यह त्योहार गोवा का प्रमुख कैथोलिक पर्व है और इसमें कई अद्भुत गतिविधियां होती हैं. इस त्योहार को 'साओ जोआओ' नाम से जाना जाता है. आइए जानते हैं कि साओ जोआओ त्योहार क्या होता है...


साओ जोआओ त्योहार क्या है?


यह त्योहार हर साल 24 जून को गोवा में मनाया जाता है. साओ जोआओ को 'सैन जानव' भी कहा जाता है, जो एक वार्षिक कैथोलिक पर्व है. इस दिन लोग फूल, पत्ती और फलों से बने ताज पहनते हैं. यह त्योहार सेंट जॉन द बैपटिस्ट को श्रद्धांजलि देने के लिए मनाया जाता है. आपको हैरानी होगी कि यह त्योहार कुओं, तालाबों और नदियों में कूदकर मनाया जाता है. यह त्योहार इतना प्रसिद्ध है कि गोवा पर्यटन विकास निगम की ओर से टूरिस्टों के लिए पूल पार्टी और निजी साओ जोआओ की व्यवस्था की जाती है.


साओ जोआओ त्योहार कैसे मनाया जाता है?


यह त्योहार कुओं, तालाबों और नदियों में कूदकर मनाया जाता है. इसे अंग्रेजी में 'लीप ऑफ जॉय' कहा जाता है. यह त्योहार हर साल मानसून की शुरुआत से पहले मनाया जाता है. कुओं में कूदने का कारण ईसाई इतिहास से जुड़ा है. यह सेंट जॉन द बैपटिस्ट को श्रद्धांजलि देने के लिए मनाया जाता है. जॉन द बैपटिस्ट ने यीशु के जन्म की खुशखबरी सुनते ही बहुत खुशी महसूस की और उन्होंने खुशी में अपनी माता के गर्भ से छलांग लगा दी. वह उस समय माता के गर्भ में थे. इस दिन की याद में हर साल पुरुष अपनी माता की गर्भ की छलांग को याद करते हुए कुओं या तालाबों में कूदते हैं.


नवविवाहित पुरुषों के लिए है खास महत्व


इस त्योहार पर और भी कई अन्य मनोहारी गतिविधियां होती हैं. यह त्योहार नवविवाहितों के लिए विशेष होता है. मान्यता है कि इस त्योहार के दौरान शादी होने वाले पुरुषों के कुओं में डुबकी लगाने से उनका पारिवारिक जीवन सुखद रहता है. त्योहार पर लोग लोक नृत्य और स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद लेते हैं. साथ ही यहां बोट प्रदर्शन भी किया जाता है. इस पर्व में लोग तालाबों और कुओं में छुपे तोहफे खोजते हैं. 


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