इंद्रधनुष सभी लोगों ने देखा होगा. बारिश होने के बाद इंद्रधनुष देखना एक अद्भुत एहसास होता है. आसमान में इंद्रधनुष जब बनता है, तब दिखने में इसका आकार आंधे चांद जैसा होता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि रेनबो का आकार पूरा गोल होता है, जो दिखता नहीं है. आज हम आपको बताएंगे कि आखिर क्यों रेनबो का आधा ही आकार दिखता है, और ये पूरे आकार में किस जगह से दिखता है.
इंद्रधनुष
आसमान में बारिश के बाद रेनबो यानी इंद्रधनुष का नजर आना एक अनोखा अहसास होता है. इंद्रधनुष देखने के लिए लोग मीलों सफर तय करके वो सुंदर एहसास देखना चाहते हैं. जब आप रेनबो को देखते हैं, तो वह अक्सर एक आधे गोले या आर्क के रूप में नजर आता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि असल में रेनबो पूरी तरह से गोल होता है. अब सवाल ये है कि गोल होने पर आखिर क्यों आधा ही रेनबो दिखता और धरती पर किस जगह से रेनबो को पूरा देखा जा सकता है.
कैसे बनता है रेनबो
रेनबो सूरज की किरणों और पानी की बूंदों के मिलन से बनता है. जब सूरज की किरणें बारिश की बूंदों से टकराती हैं, तो ये किरणें सात रंगों में बंट जाती हैं, जिन्हें हम इंद्रधनुष के रूप में देखते हैं. इसके सात रंग कुदरत की सतरंगी सुंदरता को साबित करते हैं. हालांकि रेनबो का पूरा गोलाकार रूप हम अक्सर नहीं देख पाते हैं. इसके पीछे कई कारण हैं, जो इस प्राकृतिक नजारे को देखने में रुकावट पैदा करते हैं.
बता दें कि खुले आसमान में दिखने पर एक जगह ऐसी दिखती है, जहां धरती की सतह और नीला आसमान आपस में मिलते हुए दिखते हैं. जिस पॉइंट पर ये मिलते हुए नजर आते हैं उसे क्षितिज कहा जाता है. वहीं हम जो रेनबो देखते हैं, उसे धरती की सतह और क्षितिज हमारी आंखों के सामने पूरा नहीं आने देते हैं. इसलिए रेनबो को पूरा गोल देखने के लिए आपको एक अच्छी-खासी ऊंची जगह पर जाना होगा, वहां से ही रेनबो पूरा गोल आकार में दिखाई देंगे.
सूरज की विपरीत दिशा में बनता है इन्द्रधनुष
आपने एक बात पर और गौर किया होगा कि इंद्रधनुष हमेशा सूरज की विपरीत दिशा में बनता है. इसका मतलब है कि अगर आपका फेस इंद्रधनुष की ओर होता है तो सूरज आपके पीछे की तरफ होता है. यही कारण है कि सुबह के समय यह पश्चिम दिशा में और शाम के समय पूर्व दिशा में दिखता है. वहीं अगर आपकी किस्मत अच्छी है, तो आप फ्लाइल में सफर करने के दौरान पूरा गोल आकार का इंद्रधनुष दे सकते हैं.
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