जब भी आप ATM से पैसे निकालते हैं तो उससे पहले उसमें पैसे गिनने की आवाज़ आती है, जिसके बाद ATM से पैसे निकल जाते हैं. ऐसे में कई लोगों को लगता है कि वो आवाज पैसे गिनने की आ रही है. हालांकि ये सच नहीं है. तो चलिए इसके पीछे का सच जानते हैं.
एटीएम से आने वाली पैसे गिनने की आवाज कितनी सही?
एटीएम से जब पैसे निकालने के लिए पिनकोड डाला जाता है उस समय एक आवाज़ आती है. जो ऐसी लगती है जैसे पैसे गिने जा रहे हों. अमूमन कई लोगों को ये लगता है कि ये आवाज़ पैसे गिनने की ही आ रही है और मशीन पैसे ही गिन रही है, लेकिन बता दें कि एटीएम के अंदर आने वाली ये आवाज़ एटीएम के अंदर मोटरों और मशीनों के काम करने से आती है.
दरअसल इसके लिए कोई विशेष स्पीकर नहीं लगाया जाता, बल्कि जब एटीएम को डिज़ाइन किया जाता है उस समय ही उसका डिज़ाइन इस तरह से तैयार किया जाता है कि वो कृत्रिम रूप से इस तरह की आवाज़ निकाल सके.
किसने किया एटीएम का अविष्कार
बता दें कि एटीएम का अविष्कार स्कॉटिश नागरिक जॉन शेफर्ड बैरन ने किया था. दरअसल साल 1965 में एक दिन बैरन पैसे निकालने के लिए बैंक पहुंचे लेकिन उस समय बैरन को एक मिनट की देरी हो गई जिसके कारण बैंक बंद हो गया. इसके बाद जॉन शेफर्ड बैरन ने सोचा कि क्यों न ऐसी मशीन बनाई जाए जिससे 24 घंटे पैसे निकाले जा सकें. इसके बाद जॉन शेफर्ड ने लगभग 2 साल तक मेहनत करके एक ऐसी मशीन का अविष्कार किया, जिसे आज हम एटीएम के नाम से जानते हैं.
दुनिया में नकदी निकालने वाला पहला एटीएम 27 जून 1967 को लंदन के बार्कलेज बैंक में लगाया गया था. बता दें कि इस एटीएम से पैसे निकालने वाले पहले व्यक्ति कॉमेडी अभिनेता रेग वर्नी थे.
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