सिसोदिया राजवंश के मेवाड़ राजा महाराणा प्रताप की वीर गाथाएं लगभग सभी को पता है. अकबर के अधीन मुगल साम्राज्य के खिलाफ महाराणा प्रताप ने गुरिल्ला युद्ध लड़ा था. उनकी लड़ाई में सेना के अलावा उनका घोड़ा चेतक भी उनके साथ था. महाराणा प्रताप के हल्दीघाटी के युद्ध में चेतक का भी महत्वपूर्ण योगदान था, लेकिन क्या आपको पता है कि महाराणा प्रताप के हाथी का क्या नाम क्या था और मुगलों के खिलाफ युद्ध में उनके हाथी ने भी उनका साथ दिया था. यदि नहीं तो चलिए जान लेते हैं.


क्या था महाराणा प्रताप के हाथी का नाम?
बता दें महाराणा प्रताप के हाथी का नाम रामप्रसाद था, जिसने मुगल सेना के दो युद्ध हाथियों को मार गिराया था. एक बार युद्ध के दौरान जब अकबर ने रामप्रसाद को अपना बंदी बनाया तो उसने कई दिनों तक कुछ खाया पिया नहीं. जिसकी चलते 18वें दिन उसकी मौत हो गई थी. महाराणा प्रताप अपने घोड़े चेतक से बहुत प्यार करते थे, लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि महाराणा प्रताप अपनी हाथी रामप्रसाद से भी बहुत प्यार करते थे. रामप्रसाद भी महाराणा प्रसाद के बहुत करीब था, उनसे दूर होने के बाद रामप्रसाद ने बिना खाए-पिए अपने प्राण त्याग दिए थे.


रामप्रसाद को पकड़ने के लिए रचा गया था चक्रव्यूह
ये भी बता दें कि महाराणा प्रताप के हाथी रामप्रसाद को पकड़ना अकबर की सेना के लिए इतना भी आसान नहीं था. इसके लिए हल्दीघाटी के युद्ध में अकबर ने महाराणा प्रताप के साथ उनके हाथी को भी पकड़ने के आदेश दिए थे. ऐसे में रामप्रसाद को पकड़ने के लिए अकबर की सेना ने 7 हाथियों का चक्रव्यूह रचा था, जिनपर 14 महावतों को बैठाया गया था. जिसके बाद रामप्रसाद को पकड़ा जा सका था. हालांकि अकबर के पास जाकर रामप्रसाद ने अन्न-जल का त्याग कर दिया था, जिसके चलते महज 15 दिन में ही उसकी मौत हो गई थी.


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