world's largest roti: इस देश में बनती है दुनिया की सबसे बड़ी रोटी, जानिए अपने देश की रोटी से कितनी अलग
भारत में अधिकांश लोग खाने के समय रोटी खाना पसंद करते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया की सबसे बड़ी रोटी कौन सी होती है और ये कहां पर कैसे बनती है. जानिए रोटी बनने का प्रोसेस.
लंच या डिनर बिना रोटी के पूरा नहीं हो सकता है. दुनियाभर के अधिकांश देशों में लोग रोटी खाते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि हर जगह की रोटियां अलग-अलग होती हैं. भारत के घरों में अधिकांश लोग आटा से बनी रोटी खाना पसंद करते हैं. लेकिन हर देश में आटा से बनी रोटी नहीं खाई जाती है. आज हम आपको दुनिया की सबसे बड़ी रोटी के बारे में बताएंगे.
रोटी
बता दें कि रोटी को दुनिया भर में अलग-अलग नामों से जाना जाता है. भारत में इसे खासकर चपाती और फुलका के नाम से जाना जाता है. भारतीय घरों में अधिकांश समय गेंहू के आटा से बनी रोटी खाई जाती है. लेकिन हर देश में आटा से बनी रोटी नहीं खाई जाती है. कुछ देशों में मैदा से बने ब्रेड को रोटी कहा जाता है.
दुनिया की सबसे बड़ी रोटी
बता दें कि अर्मेनिया में दुनिया की सबसे बड़ी रोटी बनाई जाती है. अर्मेनिया में इसे लावश कहते हैं. बता दें कि दिखने में ये रोटी चोकोर आकार की लंबी चौड़ी होती है. वहीं इसको बनाने के लिए तंदूर का इस्तेमाल किया जाता है. ये रोटी इतनी बड़ी होती है कि इसे तंदूर से निकालकर फोल्ड करके रखा जाता है, जिसके बाद इसे परोसा जाता है. बता दें कि ये रोटी इतनी बड़ी होती है कि हमारे यहां के लगभग 08 से 10 रोटी के बराबर एक रोटी होती है. ये रोटी मूल रूप से अर्मेनिया की है. लेकिन अर्मेनिया के साथ अजरबैजान, ईरान और तुर्की में लोकप्रिय है. इसे यूनेस्को लिस्ट में भी शामिल किया गया है.
कैसे बनता है ये आटा
अर्मेनिया का लवाश आटा जो है वो पानी, ईस्ट, चीनी और नमक से बनता है. हालांकि इसे कई जगहों पर चीनी और ईस्ट के बगैर भी बनाया जाता है. कई बार इसे तंदूर में डालने से पहले इस पर तिल और अफीम के बीज भी छिटक दिए जाते हैं. तंदूर में डालने से पहले से इसे बेला जाता है और फिर दोनों हाथों से फैलाया जाता है. फिर तंदूर में डालकर पकाया जाता है.
अजरबैजान
भारत में जिस तरीके से शादी के वक्त कई सारी परंपरा होती है, वैसे ही अर्मेनिया में भी परंपरा होती है. जब अजरबैजान में कोई वधू शादी होकर अपने नए घर आती है, तो उसकी सास उसके कंधों पर लवाश रखती हैं. इस परंपरा के दौरान माना जाता है कि लड़की घर में समृद्धि लेकर आएगी. माना जाता है कि घर में लड़की के कदम भाग्यशाली होते हैं.