रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध लगभग 14 महीने से जारी है. इस दौरान हजारों लाखों लोगों ने इस युद्ध में अपनी जान गंवाई. लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया में कुछ युद्ध ऐसे भी हुए हैं, जो सिर्फ कुछ मिनटों तक ही चले हैं. यानी ये युद्ध इतने छोटे थे कि सास-बहू के बीच चलने वाली लड़ाई भी इससे ज्यादा चल जाए. तो चलिए आपको बताते हैं दुनिया के उन युद्धों के बारे में जिन्हें वर्ल्ड शॉर्टेस्ट वॉर कहा जाता है.
द एंग्लो-जंज़ीबार वॉर (The Anglo-Zanzibar War)
द एंग्लो-जंज़ीबार वॉर को दुनिया का सबसे छोटा युद्ध कहा जाता है. यह युद्ध साल 1896 में हुआ था. दरअसल, 1890 में ब्रिटेन और जर्मनी के बीच एक संधि हुई थी, जिसके तहत दोनों देश पूर्वी अफ्रीका के इलाकों पर हुकूमत करने के लिए अलग-अलग स्थानों को चुनेंगे. इसी संधि की वजह से जंजीबार द्वीप को अंग्रेजों को सौंपा गया और इसके नजदीक के तटवर्ती इलाके जर्मनी के पास थे. सब कुछ ठीक चल रहा था, अंग्रेजों की तरफ से इस द्वीप पर जांजीबार के पांचवें सुल्तान हममद बिन थुवैनी राज कर रहे थे. लेकिन फिर अचानक 1896 में उनकी मौत हो गई और उनके मौत के चंद घंटों बाद ही उनके भाई खालिद बिन बरगश ने गद्दी अपने कब्जे में ले ली.
सबसे बड़ी बात की उन्होंने इसके लिए अंग्रेजों से इजाजत तक नहीं ली. ये बात अंग्रेजी हुकूमत के ईगो पर लग गई और फिर जंजीबार में तैनात ब्रिटिश राजनयिक और बासिल केव नाम के सेना प्रमुख ने खालिद बरगश को गद्दी छोड़ने को कहा, लेकिन बरगश ने इससे साफ मना कर दिया और युद्ध के लिए तैयार हो गया. हालांकि, जब युद्ध हुआ तो महज 38 से 45 मिनट के बीच ही खालिद बिन बरगश की सेना और उसका किला धराशाई हो गया. और इस तरह से दुनिया का सबसे छोटा युद्ध समाप्त हुआ.
अंजुआन का युद्ध (The Invasion of Anjouan)
साल 2008 में अंजुआन का युद्ध सिर्फ एक दिन के लिए चला था. हिंद महासागर मे अंजुआन का युद्ध कोमोरोस और फ्रांस के बीच था. इसे एक ऑपरेशन की तरह किया गया था, जिसका कोड नेम था (ऑपरेशन डेमोक्रेसी इन कोमोरोस). इसमें कोमोरोस को सूडान, तंजानिया और अफ्रकी संघा का भी समर्थन था. जबकि लीबिया, सेनेगल और फ्रांस अंजुमान में कर्नल मोहम्मद बकर की सरकार खत्म करना चाहते थे. 25 मार्च को ऐसा ही हुआ, सिर्फ एक दिन में फ्रांस के नेतृत्व वाली सेना ने कोमोरोस पर कब्जा पा लिया और मोहम्मद बकर को बंदी बना लिया.
100 घंटे का युद्ध
दुनिया के सबसे छोटे युद्धों में 100 घंटे के इस युद्ध को भी शामिल किया गया है. अल सल्वाडोर और होंडुरास के बीच हुए इस सौ घंटे के युद्ध को लोग द फुटबॉल वॉर भी कहते हैं. दरअसल, एक फुटबॉल मैच के दौरान अल सल्वाडोर 3-2 की बढ़त से मैच जीत गया था. इसी बीच अल सल्वाडोर और होंडुरास के लोग आपस में खेती की जमीन के लेकर भिड़ गए. कुछ समय बाद ही इसमें सेना भी शामिल हो गई और ये युद्ध 100 घंटे तक चला. इसमें लगभग 3000 लोग हताहत हुए.
द रूसो जॉर्जियन वॉर
द रूसो जॉर्जियन वॉर अप्रैल 2008 में हुआ था. यह युद्ध कुल 5 दिनों कर चला था. दरअसल, रूस उन दिनों जॉर्जिया से खफा था और उसने अपना ध्यान दक्षिण ओसेशिया और अब्खाज़िया के प्रांतों पर केंद्रित किया. ये वो हिस्से थे जिन पर जॉर्जिया का कब्जा था, लेकिन सोवियत संघ के पतन के समय में इन्होंने खुद को जॉर्जिया से आजाद करने की इच्छा जाहिर की थी. अप्रैल 2008 में जॉर्जिया ने अब्खाज़िया में एक ड्रोन पर हमले के लिए रूस को जिम्मेदार बताया और फिर इसकी पुष्टि संयुक्त राष्ट्र ने भी की. इसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ता गया और मामला युद्ध तक पहुंच गया. ये युद्ध 5 दिनों तक चला और इसमें लगभग 400 लोगों की मौते हुईं.
6 दिन का युद्ध
6 दिन का युद्ध इजरायल और इजिप्ट, सीरिया और जॉर्डन की फौजों के बीच हुआ था. ये युद्ध साल 1967 में हुआ था. इजरायल और अरब स्टेट्स के इस युद्ध में इजरायल ने जीत दर्ज की थी. सीमा समस्या को लेकर हुए इस युद्ध में कई लोग मारे गए थे. हालांकि, इस युद्ध के बाद इजरायल और ताकतवर हुआ और उसने काफी जमीन पर कब्जा कर लिया.
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