दुनिया की अकेली नदी जहां पानी हमेशा उबलता है, साल 2011 में हुई थी इसकी खोज
यह नदी अमेजन के जंगल में है, जिसका एक हिस्सा पेरू से लगा हुआ है. इस नदी का पानी हमेशा उबलता रहता है, इसलिए इसे उबलती हुई नदी (boiling river) भी कहा जाता है.
अमेजन के जंगलों के बारे में तो आपने सुना ही होगा. इस जंगल में कई ऐसी अजीबोगरीब चीजें पाई जाती हैं है जो पूरी दुनिया में और कहीं नहीं मिलतीं. आज भी दुनियाभर के तमाम वैज्ञानिक यहां नई नई चीजों की खोज करते रहते हैं. इसी विशालकाय जंगल में एक ऐसी नदी बहती है जिसका पानी हमेशा उबलता रहता है. तो चलिए जानते हैं कि आखिर वह नदी कौन सी है और इसका पानी कैसे उबलता रहता है.
कौन सी है वो नदी जिसका पानी उबलता रहता है
यह नदी अमेजन के जंगल में है, जिसका एक हिस्सा पेरू से लगा हुआ है. इस नदी का पानी हमेशा उबलता रहता है, इसलिए इसे उबलती हुई नदी (boiling river) भी कहा जाता है. हालांकि वैज्ञानिक इसे थर्मल रिवर के नाम से जानते हैं और इसी नाम से यह पूरी दुनिया में फेमस है. लेकिन अमेजन जंगल में रहने वाले लोकल आदिवासी इसे ला बोंबा कहते हैं. वहीं कुछ कबीले इस नदी को मयानतुयाकू के नाम से भी जानते हैं. इसके साथ ही प्राचीन काल में इस नदी को Shanay-Timpishka कहा जात था. जिसका मतलब होता है सूरज की गर्मी से उबला हुआ पानी.
कब हुई थी इस नदी की खोज
इस नदी की खोज साल 2011 में भूवैज्ञानिक आंद्रे रूज़ो ने की थी. रूजो बचपन से अपने दादाजी से इस नदी के बारे में कहानियां सुनते आए थे. दरअसल, रूजो के दादाजी उन्हें अक्सर बताया करते थे कि अमेजन के जंगलों में एक ऐसी नदी है जिसका पानी हमेशा उबलता रहता था. यही वजह है कि जब बड़े होकर रूजो भूवैज्ञानिक बने तो उन्होंने फैसला किया कि वह अमेजन खुद जाएंगे और वहां के जंगल में इस नदी को ढूंढेंगे.
कैसे उबल रहा है इस नदी का पानी
आप में से कई लोग ऐसा सोच रहे होंगे कि इस नदी का पानी शायद ज्वालामुखी की वजह से उबल रहा होगा. लेकिन, आपको बता दें कि इस नदी से जो सबसे नजदीक ज्वालामुखी है वह लगभग 700 किलोमीटर दूर है. यानी यह बात तो साफ है कि ज्वालामुखी की वजह से इस नदी का पानी नहीं उबल रहा है. इस नदी का पानी क्यों उबल रहा है इस पर कोई सही जवाब अभी तक नहीं मिला है, हां यह जरूर है कि इसे समझने के लिए एक प्रोजेक्ट चलाया जा रहा है और इस पर तेजी से काम हो रहा है. लेकिन वहां के आदिवासी मान्यताओं को देखें तो इस नदी के नाम का जो अर्थ निकलता है उसका मतलब होता है सूरज की गर्मी से उबला हुआ पानी.
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