बिजली के तारों से हर कोई दूर रहना चाहता है. खासतौर से अगर बिजली का तार खुला हो तो लोग उसके आसपास भी नहीं भटकते. लोग ऐसा इसलिए करते हैं क्योंकि उन्हें पता होता है कि अगर जरा सा भी करंट वाला तार उन्हें छू जाए तो उनकी जान पर बन सकती है. हालांकि, बिना बिजली वाले तारों को छूने में हमें कोई परहेज नहीं है. हम में से कई लोगों ने तो घर में छोटा मोटा बिजली का काम भी किया होगा. इस दौरान आपने देखा होगा कि बिजली के किसी भी मोटे तार के अंदर कई पतले-पतले तांबे के तार होते हैं. क्या आपने कभी जानने की कोशिश की कि आखिर ऐसा क्यों होता है. क्यों इन मोटे तारों के अंदर सिर्फ एक मोटा तांबे का तार नहीं होता... बल्कि उसकी जगह कई पतले-पतले तार होते हैं. आज इस आर्टिकल में हम आपको इसी के बारे में बताएंगे.


क्यों होते हैं पतले पतले तार


आपको मालूम होगा कि हमारे घरों में आने वाली बिजली एसी करंट के जरिए आती है. एसी करंट की सबसे खास बात यह होती है कि यह तार के स्किन को इफेक्ट करता है. यानी इसमें प्रवाहित होने वाली बिजली तार के आउटर लेयर को काफी ज्यादा डैमेज करती है. ऐसे में अगर इनर लेयर में एक मोटा तांबे का तार होगा तो यह तार के आउटर रबर के लेयर को काफी ज्यादा नुकसान पहुंचाएगा और उसकी वजह से शॉर्ट सर्किट भी घर में हो सकता है. इसलिए सिंगल तार की जगह कई पतले पतले तार होते हैं ताकि तार की आउटर लेयर को इससे ज्यादा नुकसान न पहुंचे.


कई बार शॉर्ट सर्किट हो जाता है


कई घरों में जब शॉर्ट सर्किट होता है तब मालूम चलता है कि उन घरों की वायरिंग में इस्तेमाल किया गया तार या तो बेहद लो क्वालिटी का था या फिर उसमें सिंगल कॉपर का इस्तेमाल किया गया था. दरअसल, होता यह है कि जैसे ही हाई वोल्टेज करंट सिंगल कॉपर वाले तार में प्रवाहित होता है तो वह उसमें हीट पैदा करने लगता है और उस कारण से कई बार तार में आग लग जाती है. यही आग तेजी से फैल कर पूरे घर में लग जाती है और शॉर्ट सर्किट की वजह से आपको भारी नुकसान हो जाता है.


कई लेयर के तार बनाने लगी है कंपनियां


मार्केट में अब कंपटीशन ज्यादा है. तार बनाने वाली कंपनियों की लिस्ट भी अब बढ़ गई है. ऐसे में कस्टमर को रिझाने के लिए यह कंपनियां अपने प्रोडक्ट में लगातार सुधार कर रही हैं. भारत में बिजली के तारों का प्रोडक्शन करने वाली कई बड़ी कंपनियां अब वायर के आउटर लेयर को कई परतों में बना रही हैं ताकि पहले तो इनमें शॉर्ट सर्किट ना हो और अगर गलती से हो भी जाए तो इतना भीषण आग ना लगे कि उसके घर को काफी नुकसान पहुंचे.


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