जब भी आप टॉयलेट जाते होंगे तो आप से एक बात जरूर कही जाती होगी कि फ्लश अच्छे से कर देना. फ्लश करते वक्त आपने ध्यान दिया होगा कि वहां दो बटन होते हैं. एक छोटा होता है और एक बड़ा होता है. क्या आपने कभी जानने की कोशिश की कि आखिर यह दो बटन क्यों दिए जाते हैं और इनके पीछे की वजह क्या है. नहीं जानते तो हम आपको बताते हैं. 


क्यों होता है दो बटन


फ्लश में दो बटन देने के पीछे की मुख्य वजह जल संरक्षण है. दरअसल, छोटे बटन से लगभग 3 से 4 लीटर पानी रिलीज होता है और बड़े बटन से लगभग 6 से 9 लीटर तक पानी रिलीज होता है. इसीलिए जब आप टॉयलेट में मल त्यागने जाते हैं तो फिर बड़े बटन का इस्तेमाल करते हैं और जब आप टॉयलेट पेशाब करने जाते हैं तो छोटे बटन का इस्तेमाल करते हैं. एक अनुमान के मुताबिक, अगर आप रोज इस नियम को फॉलो करें तो साल में करीब 20,000 लीटर पानी बचा सकते हैं.


डबल फ्लश का आइडिया आया कहां से


डबल फ्लश का अनोखा आईडिया अमेरिका के इंडस्ट्रियलिस्ट डिजाइनर विक्टर पापानेक का था. साल 1976 में पब्लिश हुई किताब डिजाइन फॉर द रियल वर्ल्ड में इसका उन्होंने जिक्र भी किया था. सबसे पहले पूरी दुनिया में इस आइडिया को ऑस्ट्रेलिया ने अपनाया था... इसके बाद यह धीरे-धीरे पूरी दुनिया में लागू कर दिया गया.


आज भी लोगों को नहीं पता कैसे करते हैं इस्तेमाल


आज भी जब आप पब्लिक टॉयलेट या पर्सनल टॉयलेट इस्तेमाल करते हैं तो इस बात का ख्याल आपके दिमाग में बिल्कुल नहीं रहता कि पेशाब करते समय और मल त्यागने के दौरान किस बटन का इस्तेमाल करना है. अमूमन देखा जाता है कि लोग दोनों बटन को एक साथ दबा देते हैं या फिर आप पेशाब करने जाते हैं तब भी बड़े बटन को ही प्रेस करते हैं. ऐसे में काफी पानी यूं हीं बर्बाद हो जाता ह, जबकि उसकी जरूरत नहीं होती. पृथ्वी पर भू-जल स्तर तेजी से कम हो रहा है. ऐसे में आपकी छोटी सी समझदारी इस दुनिया को बचाने में बड़ा योगदान दे सकती है.


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