द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान दुनियाभर में ऐसी कई घटनाएं हुई थीं जिनका प्रभाव आजतक देखने को मिलता है. इस दौरान कई लोगों ने पलायन किया तो कई लोग अपने देश से दूर हो गए. ऐसी ही एक घटना जर्मनी में भी घटी. दरअसल द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अमेरिकी सैनिकों का एक छोटा समुदाय जर्मनी में बसाया गया. अब वो जगह छोटा अमेरिका बन चुकी है.


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कैसे जर्मनी में बस गया छोटा अमेरिका?


द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान,जर्मनी को दो भागों में बंट गया था. पश्चिमी जर्मनी पर अमेरिकी, ब्रिटिश और फ्रांसीसी सैनिकों का कब्जा था. इन सैनिकों को जर्मनी में शांति स्थापित करने और देश को फिर से बनाने में मदद करनी थी. वहीं अमेरिकी सैनिकों ने जर्मनी के अलग-अलग शहरों में सैन्य अड्डे बनाए. इन अड्डों पर अमेरिकी सैनिकों के साथ-साथ उनके परिवार भी रहते थे. इन अड्डों पर अमेरिकी स्कूल, चर्च, सिनेमा और अन्य सुविधाएं थीं. यही अमेरिकी सैन्य अड्डे जर्मनी के भीतर छोटे-छोटे अमेरिकी शहरों की तरह लगते थे. यहां अमेरिकी जीवनशैली का पालन किया जाता था. अमेरिकी सैनिक और उनके परिवार अंग्रेजी बोलते थे, अमेरिकी खाना खाते थे और अमेरिकी संस्कृति को जीते थे.


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शुरुआत में जर्मन लोगों और अमेरिकी सैनिकों के बीच के रिश्ते तनावपूर्ण थे, लेकिन धीरे-धीरे दोनों के बीच दोस्ती बढ़ने लगी. इसके बाद अमेरिकी सैनिकों ने स्थानीय लोगों को अंग्रेजी सिखाई और उन्हें अमेरिकी संस्कृति से परिचित कराया. वहीं स्थानीय लोगों ने अमेरिकी सैनिकों को जर्मन संस्कृति और इतिहास के बारे में बताया. इसके बाद द्वितीय विश्व युद्ध खत्म हो गया और कुछ अमेरिकी सैनिक चले गए, लेकिन कुछ वहीं बस गए और अब वहां एक छोटा अमेरिका बन चुका है.                                                                                                                                       


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