दुनिया में आप किसी भी देश की अर्थव्यवस्था को आंकना चाहते हैं तो उस देश की सड़कों को देख लीजिए. कहते हैं कि जिस भी देश में सड़कें बेहतर होती हैं...वहां की अर्थव्यवस्था भी अच्छी होती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि सड़कों में भी दो प्रकार होता है, एक हाईवे और दूसरा एक्सप्रेसवे. ये दोनों होती तो सड़कें ही हैं, लेकिन एक दूसरे से बिल्कुल अलग होती हैं. आज हम आपको इसी के बारे में बताएंगे. इसके साथ ही ये भी बताएंगे कि देश में इस वक्त कुल कितने हाईवे हैं और कुल कितने एक्सप्रेसवे हैं.


हाईवे और एक्सप्रेसवे देश में कितने हैं


इन दोनों के बीच अंतर जानने से पहले आप जान लीजिए कि देश में इन दोनों की संख्या कितनी है. देश में एक्सप्रेसवे की बात करें तो इनकी संख्या कुल 23 हैं, जबकि 18 पर फिलहाल काम चल रहा है. हाईवे की बात करें तो इनकी संख्या कुल 599 है. वहीं इन हाईवे की लंबाई लगभग 1.32 लाख किलोमीटर है. इनमें से नेशनल हाईवे NH44 को देश का सबसे लंबा हाईवे कहा जाता है, इसकी कुल लंबाई 3745 किलोमीटर है. ये हाईवे श्रीनगर से होकर कन्याकुमारी तक जाता है.


एक्सप्रेसवे किसे कहते हैं


एक्सप्रेसवे को हाई लेवल पर बनाया जाता है, इसमें 6 से 8 लेन होती हैं. एक्सप्रेसवे को हाई स्पीड ट्रैफिक के लिए बनाया जाता है. इनपर दो पहिया वाहनों सहित धीमी गति वाले वाहनों की अनुमति नहीं होती है. वहीं एक्सप्रेसवे के लिए अलग-अलग एंट्रेंस और एग्जिट रैम्प बनाए जाते हैं. यानी आप निर्धारित स्थानों पर ही इसमें इसपर चढ़ या इससे बाहर निकल सकते हैं. इनको बनाने का मकसद दो जगहों के बीच पहुंचने के समय को कम करना होता है.


हाईवे किसे कहते हैं


एक हाईवे कुछ बड़े शहरों या गांवों को जोड़ने का काम करता है. ये 2 या 4 लेन वाली एक बड़ी सड़क होती है. ये सड़कें बहुत बड़ी दूरी तय करने के लिए बनाई जाती हैं. इसपर ज्यादातर लंबी दूरी तय करने वाले और बड़े वाहन चलते हैं. इसपर चलने के लिए नियम बने होते हैं. ये कई शहरों से होते हुए जाते हैं.


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