इन देशों में लगा है डीजल कारों पर पूरी तरह से बैन, अब भारत भी कर रहा तैयारी
दुनियाभर में इलेक्ट्रिक कार पहुंच चुकी है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि अभी तक किन-किन देशों ने डीजल गाड़ियों पर प्रतिबंध लगाया है. जानिए भारत का डीजल गाड़ियों को लेकर क्या प्लान है.
भारत में गाड़ियों के प्रदूषण को लेकर हमेशा ही एक बहस चलती रहती है. आपने अक्सर सुना होगा कि ये कहा जाता है कि डीजल और पेट्रोल की गाड़ियों से प्रदूषण सबसे ज्यादा फैलता है. लेकिन सवाल ये है कि क्या आने वाले समय में भारत में डीजल कारों पर पूरे तरीके से प्रतिबंध लग जाएगा और अभी किन देशों पर प्रतिबंध लगा हुआ है. आज हम आपको इससे जुड़ा नियम बतानने वाले हैं.
डीजल कार
बता दें कि ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में गाड़ियों में इस्तेमाल होने वाले इंजन को लेकर बड़ी बहस छिड़ी रहती है. देश में धीरे-धीरे इलेक्ट्रिक गाड़ियों की डिमांड बढ़ती जा रही है. वहीं सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के बयान ने डीजल कारों से चलने वाले लोगों की टेंशन को बढ़ा दिया है. सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी हमेशा से ही कम प्रदूषण करने वाली कारों के इस्तेमाल पर ही जोर देते आए हैं. पेट्रोल और डीजल से चलने वाली कारों से काफी प्रदूषण होता है. नितिन गडकरी इथेनॉल से चलने वाली कारों का समर्थन करते हैं.
किन देशों में बैन है डीजल कार
इथोपिया ने पेट्रोल और डीजल कारों के आयात पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है. इथियोपिया ऐसा करने वाला दुनिया का पहला देश है. इसके अलावा 2023 में लिए गये फैसलों के मुताबिक 2035 से यूरोपीय संघ (ईयू) में कोई नई फॉसिल फ्यूल (जीवाश्म ईंधन) से चलने वाली कार नहीं बेची जाएंगी. यूरोपीय संसद ने औपचारिक रूप से एक कानून को मंजूरी दे दी है जो 2035 से यूरोपीय संघ में नई पेट्रोल और डीजल कारों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाता है. यह कदम इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने में तेजी लाने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है.
भारत में प्रतिबंध
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि अगले 10 साल में वो पेट्रोल और डीजल कारों को पूरी तरह से बंद करना चाहते हैं. हालांकि सरकार ने अभी नई डीजल कारों पर किसी भी तरह के टैक्स को नहीं बढ़ाया है. इसके लिए सरकार अभी केवल योजना बनाने पर विचार कर रही है. वहीं एक कार की लाइफ भी करीब 10 से 15 साल होती है, तो अभी 15 साल तक कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए. नितिन गडकरी ने हमेशा से कम पॉल्यूशन वाली गाड़ियों का समर्थन करते हैं. नितिन गडकरी ने ये भी बताया है कि एक तरफ जहां पेट्रोल पर आपके 100 रुपये खर्च होते हैं, वहीं इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर आपके चार रुपये खर्च होंगे.
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