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इस देश में सैलरी पर भी नहीं लगता है टैक्स, आबादी भी है बेहद कम

भारत समेत दुनियाभर के कई देशों में आज भी कई तरह का टैक्स लगता है. लेकिन आज हम आपको एक ऐसे देश के बारे में बताने वाले हैं, जहां पर सरकार जनता की कमाई पर टैक्स नहीं लेती है. जानिए इसकी वजह.

भारत समेत कई देशों में सरकार सैलरी से लेकर अन्य इनकम पर अलग-अलग तरह से टैक्स लेती है. लेकिन आज हम आपको एक ऐसे देश के बारे में बताने वाले हैं, जहां पर सरकार अपनी जनता की कमाई पर कोई टैक्स नहीं लेती है. जी हां, इस देश में सरकार टैक्स नहीं लेती है. हम बात कर रहे हैं ब्रुनेई देश की. जहां अभी हाल ही में पीएम नरेंद्र मोदी भी अपने दौरे पर गए थे. 

ब्रुनेई

बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी अभी हाल ही में ब्रुनेई दौरे पर गए थे. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये देश कम आबादी वाला है, लेकिन यहां की जनता को सरकार कई तरह की सुविधाएं देती है. जानकारी के मुताबिक इस देश की आबादी भी सिर्फ 4.50 लाख लोगों की है. लेकिन इस छोटे से देश के लोगों की लाइफस्टाइल हाई क्लास है. इतना ही नहीं दुनिया के इस छोटे देश का सुल्तान हसनल बोल्किया सबसे अमीर शख्स की सूची में शामिल हैं, जो बाल कटवाने में 16 लाख रुपए खर्च करते हैं. उनके हेयर स्टाइलिस्ट प्राइवेट चार्टर्ड प्लेन से बुलाए जाते हैं. 

टैक्स हेवन

भारत समेत दुनियाभर के अधिकांश देशों में सरकार अपनी जनता से अलग-अलग कमाई पर टैक्स वसूलती है. लेकिन ब्रुनेई एक ऐसा देश है, जहां सरकार अपनी जनता के निजी कमाई पर कोई टैक्स नहीं लेती है. यही कारण है कि ब्रुनेई को टैक्स हेवन भी कहा जाता है. खास बात ये है कि यह राहत सिर्फ यहां के नागरिकों को ही नहीं, प्रवासियों को भी दी जाती है.

शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं मुफ्त 

बता दें कि ब्रुनेई के लोगों को सरकार शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं मुफ्त में देती है. अब आप सोच रहे होंगे कि ब्रुनेई आखिर इतना अमीर कैसे बन गया है. दरअसल ब्रुनेई के नियम ही कुछ ऐसे हैं, जो इस देश को खास और टैक्स फ्री देश बनाता है. यहां की टैक्स पॉलिसी और गोपनीय कानूनों के कारण ब्रुनेई को टैक्स हैवन कहते हैं, जो आम इंसान को राहत देने के साथ व्यापारी निवेशकों को आकर्षित करते रहे हैं. यहां लोगों की निजी इनकम पर टैक्स नहीं लगता. ऐसे में यह देश उन लोगों के लिए खास है, जो टैक्स से बचना चाहते हैं. यहां 18.5 फीसदी का कॉर्पोरेट टैक्स लगता है.

कॉर्पोरेट टैक्स में छूट

इसके अलावा अपने देश में व्यापार को बढ़ावा देने के लिए भी सरकार अंतरराष्ट्रीय व्यापार और विदेशी कंपनियों को कॉर्पोरेट टैक्स में खास छूट देती है. यही वजह है कि विदेशी कंपनियां यहां बिजनेस शुरू करना पसंद करती हैं. वहीं निवेश से मिलने वाले फायदे पर भी कोई टैक्स नहीं लिया जाता है. इसके अलावा ब्रुनेई की दूसरी खासियत है, यहां का गोपनीय कानून है. किसी विदेशी को यहां के खाता धारकों के बारे में जानकारी मिलना नामुमकिन है, क्योंकि यह जानकारी गुप्त रहती है. करंसी एक्सचेंज को लेकर भी यहां मॉनिटरिंग नहीं की जाती है. इस तरह पूंजी को देश से बाहर ले जाने और यहां वापस लाना आसान हो जाता है. यही वजह है कि ब्रुनेई को टैक्स हेवन भी कहा जाता है. 

कैसे बना अमीर देश?

ब्रुनेई की गिनती दुनिया के समृद्ध देशों में की जाती है. इसके पीछे की वजह है कि 1929 में सेरिया इलाके में तेल की खोज हुई थी. ब्रिटिश मलायन पेट्रोलियम कंपनी ने ब्रुनेई में पहला कुआं खोदा था, जिसे अब रॉयल डच शेल कहते हैं. तेल ने ब्रुनेई को विशेष पहचान दिलाई और यह देश महत्वपूर्ण तेल उत्पादक के तौर पर बनकर उभरा है. इस देश का तेल और प्राकृतिक गैस ही यहां के अर्थव्यवस्था की नींव है. यहां की जीडीपी का आधा हिस्सा तेल और गैस के जरिए ही आ रहा है.

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