संभल में मस्जिद को लेकर हुआ बवाल, जानें अब तक देश की किन मस्जिदों पर छिड़ चुका है संग्राम
संभल में सर्वे टीम पर हुई पत्थरबाजी के बाद भड़की हिंसा अभी भी थमी नहीं है. ऐसे में चलिए जानते हैं कि देशभर में कितनी मस्जिदों को लेकर विवाद है.
उत्तर प्रदेश के संभल में रविवार सुबह से जारी हिंसा में अबतक 4 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. संभल में मामला तब गर्माया जब कोर्ट के आदेश पर सर्वे टीम मुगलकालीन जामा मस्जिद पर सर्वे टीम सर्वे के लिए पहुंची थी और इस दौरान उनपर पत्थरबाजी हो गई. इस घटना में अबतक 4 लोगों की मौत हो गई है. वहीं 20 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं.
हिंसा के बाद संभल और आसपास से इलाकों में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है. गौरतलब है कि मस्जिद पर विवादास्पद कानूनी लड़ाई चल रही है. दावा किया जा रहा है इसे हिंदू मंदिर की जगह पर बनाया गया था. हालांकि सिर्फ संभल ही नहीं बल्कि देश के कई ऐसी जगहे हैं जहां मस्जिदों को लेकर संग्राम छिड़ चुका है. चलिए आज इस स्टोरी में हम उन्हीं मस्जिदों के बारे में जानते हैं.
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इन धर्मस्थलों को लेकर भी छिड़ चुका है विवाद
अयोध्या में बाबरी मस्जिद को लेकर क़ानूनी विवाद कई सालों तक चला था और अब अदालत के आदेश पर इस स्थल पर राम मंदिर का निर्माण हो चुका है.
इसी तरह, वाराणसी की प्रसिद्ध ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर भी एक विवाद उठाया गया था, जिसमें दावा किया गया था कि यह स्थल एक हिंदू मंदिर के रूप में है. इस मामले में अदालत के आदेश पर मस्जिद परिसर का सर्वे भी किया गया और यह विवाद अभी भी अदालत में जारी है. मथुरा में स्थित शाही जामा मस्जिद और ईदगाह को लेकर भी इसी प्रकार का विवाद सामने आया है. इस मामले में दावा किया गया है कि मथुरा का यह स्थल भगवान कृष्ण की जन्मभूमि है. इसके अलावा देश के कई अन्य धार्मिक स्थलों को लेकर भी इसी तरह के विवाद अदालतों में चल रहे हैं.
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पहले भी होता रहा है विवाद
यह पहली बार नहीं है जब शाही जामा मस्जिद को लेकर विवाद सामने आया है. हिंदू संगठनों ने लंबे समय से इसे मंदिर होने का दावा किया है. खासकर शिवरात्रि के दौरान यहां बने कुएं के पास पूजा के कोशिशें भी की गई हैं. हालांकि, मुस्लिम पक्ष का कहना है कि यह पहली बार है जब हाल के दशकों में इस मस्जिद को लेकर अदालत में कोई विवाद दायर किया गया है. मुस्लिम पक्ष से जुड़े अधिवक्ता मसूद अहमद का कहना है, यह वाद दायर करके इस मुसलमानों के धर्मस्थल को विवादित करने की कोशिश की जा रही है. इस मस्जिद को लेकर अदालत में पहले कोई विवाद नहीं था.
सिविल जज ने भी अपने आदेश में यह साफ किया कि इस मस्जिद को लेकर अदालत में कोई कैविएट (चेतावनी या शर्त) लंबित नहीं है. हालांकि, संभल शहर में इस मस्जिद को लेकर पहले भी कई बार तनाव पैदा हुआ है. 1976 में मस्जिद के इमाम की हत्या कर दी गई थी, जिसके बाद सांप्रदायिक तनाव फैल गया था. फिर, 1980 में जब पड़ोसी शहर मुरादाबाद में सांप्रदायिक दंगे हुए, तो उसका असर संभल में भी पहुंचा था. हिंदूवादी संगठनों ने हाल के सालों में इस मस्जिद को कल्कि मंदिर होने का दावा भी कई बार किया है, लेकिन यह पहली बार है जब इस विवाद को अदालत में ले जाने की कोशिश की गई है.
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