दुनिया में इंसान से लेकर पक्षी और जानवर तक, बच्चे पैदा करने  या वंश को आगे बढ़ाने के लिए पार्टनर के साथ शारीरिक संबंध बनाना पड़ता है. पार्टनर के बीच आपसी संबंध की जरूरत होती है. माना जाता है कि बिना इसके बच्चे पैदा करना असंभव है. लेकिन क्या आपको पता है कि बिना पार्टनर के भी बच्चे पैदा किए जा सकते हैं आइए हम आज हम बताते हैं कि कौन से जीव ऐसा कर सकते हैं... 


विज्ञान की मदद से भी राह आसान 


कमोबेश आज ऐसा नहीं है बल्कि आज  के समय में दुनिया विज्ञान पर टिकी है  इंसान को बच्चा पैदा करने के लिए आईवीएफ , टेस्ट ट्यूब बेबी और कई अन्य तकनीकी के माध्यम से बच्चा पैदा कर सकते हैं. हालांकि ये इंसानों के लिए है न कि जानवर के लिए. क्या आप जानते हैं कि कुछ ऐसी प्रजाति के जीव पाए जाते हैं. जिन्हें बच्चा पैदा करने के लिए पार्टनर की जरूरत नहीं पड़ती है. वो बिना संबंध बनाए बच्चा पैदा कर सकते हैं.  


कोमोडो ड्रैगन को नहीं पड़ती पार्टनर की जरूरत 


दुनिया में छिपकली की कई प्रजातियां पाई जाती है. उनमें से सबसे बड़ी जीवित छिपकली कोमोडो ड्रैगन है. ये मुख्यत: इंडोनेशिया के जिली मोतांग , प्लोरेस ,रिंका और कोमोडो द्वीपों पर पायी जाती है. इनकी लंबाई लगभग 10 फीट तक हो सकती है. वहीं इसकी वजन की बात करें तो ये करीब 70 किलोग्राम से ज्यादा हो सकती है. कोमोडो ड्रैगन छिपकली को बच्चा पैदा करने के लिए पार्टनर की जरूरत नहीं पड़ती है. ये बिना पार्टनर के ही बच्चा पैदा कर लेती है. एक रिपोर्ट के अनुसार साल 2005 में लंदन के एक चिडियाघर में बिना पार्टनर के अंडे दिये. जब मादा कोमोडो ड्रैगन को नर से अलग रख दिया जाता है तो पार्थेनोजेनेसिस के माध्यम से बिना नर के ही प्रजनन कर लेती है. हालांकि उसी को पार्थेनोजेनेसिस कहते हैं.


क्लोनिंग करते हैं अलैंगिक जीव


दुनिया में कई ऐसे अलैंगिक जीव हैं, जो खुद का क्लोन तैयार करते हैं. केकड़ों की एक प्रजाति वर्जिन कैंसर है. एक रिपोर्ट के अनुसार मीठे पानी में पाए जाने वाले केकड़ों उसमें पूरी प्रजाति में मात्र मादाएं ही थी जो अपना स्वयं का क्लोन बना सकती थीं.


अलैंगिक प्रजनन


भारत ही नहीं पुरी दुनिया के कई जीव अलैंगिक प्रजनन करते हैं. जिसके लिए उन्हें किसी नर मादा की जरूरत नहीं होती है. वो खुद से अपनी आबादी की शुरुआत कर सकती है. आज से लेकर करोड़ साल से ब्डेलॉयडी नामक जीव पाया जाता है. ये किसी अन्य जीव के डीएनए में शामिल हो जाते हैं. इनमें बैक्टीरिया और फफूंद सदियों से धरती पर पर्यावरण के कई अन्य अनगिनत बदलाव भी हुए. हालांकि ये जीव बिना शारीरिक संबंध बनाए अभी भी कई जगह पर पाए जाते हैं और अस्तित्व में हैं. वहीं रेप्टाइल्स मुख्यत: प्रशांत महासागर में और द्वीपों में पाए जाते हैं.


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