यह तो सभी जानते हैं कि पक्षी आसमान में उड़ते हैं. यही इनकी मुख्य पहचान भी होती है. हालांकि, कुछ पक्षी ऐसे भी हैं जो उड़ नहीं सकते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ जीव ऐसे भी हैं, जो वैसे तो पक्षी नहीं हैं, लेकिन आकाश में उड़ सकते हैं. पक्षियों के विकास के संबंध में वैज्ञानिकों के सिद्धांत अलग-अलग हैं. कुछ कहते हैं कि पंखों वाले पक्षियों का विकास दो पैरों वाले जीवों से हुआ. ये जीव हवा में उछला करते थे. लेकिन आज इस आर्टिकल में हम उन जीवों पर चर्चा करने जा रहे है, जो पक्षी न होते हुए भी हवा में उड़ान भरते है.     


कौन-से जानवर उड़ सकते हैं?


उड़ने की क्षमता तीन प्रकार के जीवों में पाई जाती है, जिनमे पक्षी, कीड़े और चमगादड़ फैमिली के जीव हैं. फ्लाइंग फॉक्स तकनीकी रूप से चमगादड़ की एक प्रजाति है. जो उड़ सकती है. चमगादड़ एक स्तनधारी जीव है. ये उड़ भी सकता है, लेकिन तब भी यह एक पक्षी नहीं है. चमगादड़ ही नहीं, ऐसे कई और जीव हैं जो उड़ान भरना आने के बाद भी पक्षी नहीं हैं.


उड़ने वाला सांप (Flying Snake)


उड़ने वाला सांप क्रिसोपेलिया (Chrysopelea) परिवार की पांच प्रजातियों का सदस्य है. यह मुख्य रुप से इंडोनेशिया के द्वीपीय इलाकों और पश्चिमी भारत में पाए जाते है. लगभग 4 फीट लंबे ये सांप उड़ान भरने में सक्षम होते हैं.


फ्लाइंग स्क्विड (Flying Squid)


फ्लाइंग स्क्विड उड़ने वाली मछली है. इसमें पानी में तैरने के साथ-साथ खुले आसमान में उड़ान भरने की भी क्षमता है. फ्लाइंग स्क्विड की कई प्रजातियां है. जिनमें से जापानी फ्लाइंग स्क्विड (टोडारोड्स पेसिफिकस) टेक्स्ट बॉक्स में टेक्स्ट चिपकाने के लिए उस पर टैप करें. सबसे ज्यादा आकर्षक होती है.     


उड़ने वाला मेंढक (Flying Frog)


मेंढकों की कई उड़ने वाली प्रजातियां भी हैं. जिनमें वालेस या राकोफोरस निग्रोपालमेटस नामक प्रजाति सबसे फेमस है. ये ज्यादातर पेड़ों पर ही रहते हैं. अंडे देने और संभोग करने के दौरान ही ये जमीन पर आते हैं. ये मुख्यतः मलेशिया और बोर्नियो के उष्णकटिबंधीय जंगलों में रहते हैं.       


उड़ने वाली गिलहरी (Flying Squirrel)


उड़ने वाली गिलहरियों की भी 50 से अधिक प्रजातियां हैं. हालांकि, ये लगातार उड़ान नहीं भर सकती हैं. ये पेड़ों पर ग्लाइड करती है.  


कोलुगो (Colugo)


कोलुगो भी हवा में उड़ान भर सकते हैं. कोलुगो के अंगो को जोड़ने वाली झिल्ली इसकी पूंछ से भी जुड़ी होती है, इस विशेषता के कारण यह भी चमगादड़ जैसा प्रतीत होता है.


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