भारत के लोग परफ्यूम के बहुत शौकीन हैं, लेकिन हमारे देश में ज्यादातर लोगों को विदेशी परफ्यूम का शौक है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि हमारे देश में बनने वाला परफ्यूम विदेशों में कितना फेमस है? ये अंदाजा वहां निर्यात होने वाले परफ्यूम से ही लगाया जा सकता है. चलिए आज जानते हैं कि हमारे देश में बनने वाला परफ्यूम का निर्यात किन-किन देशों में और कितना होता है.


इन देशों में होता है भारत में बनने वाले परफ्यूम का निर्यात?


यूएई- हमारे देश में बनने वाले परफ्यूम का सबसे ज्यादा आयात यूएई में किया जााता है. यूएई भारत के कुल उत्पादन का 32.07 प्रतिशत परफ्यूम का आयात करता है.


सऊदी अरब- भारतीय परफ्यूम का दूसरा सबसे बड़ा आयातक देश सऊदी अरब है. जो भारत के कुल उत्पादन का 18.45 प्रतिशत आयात करता है.


यमन- भारतीय परफ्यूम का तीसरा सबसे बड़ा आयतक देश यमन है. जो भारत के कुल उत्पादन का 12.45 प्रतिशत परफ्यूम का आयात करता है.


सूडान- भारतीय परफ्यूम का चौथा सबसे बड़ा आयातक देश सूडान है, भारत के कुल उत्पादन का 11.98 प्रतिशत आयात कर लेता है.


माली- भारतीय परफ्यूम का पांचवा सबसे बड़ा आयतक देश माली है. जो भारत के कुल उत्पादन का 3.82 प्रतिशत आयात कर लेता है.


पुराने समय से ही हो रहा है भारतीय परफ्यूम का इस्तेमाल


भारत और परफ्यूम का गहरा रिश्ता रहा है. इसका वैदिक हिंदू से लेकर मुगल काल तक भारतीय संस्कृति, राजघराने, समाज और यहां तक कि मेडिसीन के तौर पर भी इसका इस्तेमाल किया जाता रहा है. पुरातत्वविद मानते हैं कि भारत में परफ्यूम बनाने की कला सिंधु घाटी सभ्यता के दौरान शुरू हुई थी. उस काल का टेराकोटा से बना एक डिस्टिलिएशन उपकरण पुरातत्वविदों को मिला था जो 3000 ईसा पूर्व का बताया गया था. इस काल के टेराकोटा के बर्तनों में बंद छिद्र और खूशबूदार तेल था जिससे परफ्यूम को अलग किया जा सकता था.


हमारे देश में परफ्यूम का इस्तेमाल तब से लेकर अबतक हो रहा है. राजा महाराजा के शौक ध्यान में रखते हुए भी विशेष तरह के परफ्यूम बनाए जाते थे, जिनका इस्तेमाल सिर्फ राजा-महाराजा या उनका परिवार ही किया करता था. ये बेहद अलग और खास हुआ करते थे. आज भी हमारे देश में विशेष तरह के अलग-अलग परफ्यूम बनाए जाते हैं.                                


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