दुनिया में रहने वाले इन इंसानों को नहीं होता है दर्द, वजह जानकर हैरान रह जाएंगे आप
दुनिया में हर इंसान को चोट लगने पर दर्द होता है. ऐसे में क्या आप जानते हैं कि दुनिया में ऐसे भी इंसान मौजूद हैं जिन्हें किसी तरह का दर्द नहीं होता.
हम सभी ने जीवन में कभी न कभी दर्द का अनुभव किया है. चाहे वह छोटी सी चोट हो या फिर कोई बड़ी बीमारी, दर्द हमारे जीवन का एक खास हिस्सा है. यह हमें खतरे से आगाह करता है और हमें खुद को बचाने में मदद करता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया में कुछ ऐसे लोग भी हैं जिन्हें कभी दर्द का अनुभव ही नहीं होता? जी हां, इन लोगों को चोट लगे या फिर शरीर का कोई हिस्सा कट जाए. इन लोगों को दर्द का अनुभव नहीं होता. आपको जानकर हैरानी जरुर होगी लेकिन ये सच है. चलिए आज जानते हैं कि आखिर ये कौन लोग होते हैं और इन्हें दर्द का अनुभव क्यों नहीं होता.
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दुनिया के इन लोगों को नहीं होता दर्द?
दुनिया में कुछ लोग ऐसे होते हैं जिन्हें किसी तरह के शारीरिक दर्द का एहसास नहीं होता. दरअसल, दुनिया में कुछ लोगों को एक दुर्लभ जन्मजात विकार होता है जिसे कांगेनिटल इंसेंसिटिविटी टू पेन (Congenital Insensitivity to Pain with Anhidrosis, CIPA) कहते हैं. इस विकार से पीड़ित लोगों को दर्द का अनुभव नहीं होता. इसका मतलब है कि वो चोट लगने, जलने या किसी अन्य प्रकार के दर्दनाक अनुभव के बावजूद कोई दर्द महसूस नहीं करते.
क्यों हो जाती है ऐसी बीमारी?
CIPA का कारण एक जीन में उत्परिवर्तन होता है. यह जीन तंत्रिका तंत्र को मैसेज भेजने का काम करता है कि शरीर को दर्द हो रहा है. इस जीन में उत्परिवर्तन होने के कारण तंत्रिका तंत्र को दर्द का संकेत नहीं मिल पाता है और व्यक्ति दर्द महसूस नहीं कर पाता.
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क्या हैं CIPA के लक्षण?
CIPA से पीड़ित लोगों में निम्नलिखित लक्षण देखे जा सकते हैं.
दर्द का अभाव: इन लोगों को किसी भी प्रकार का दर्द महसूस नहीं होता, चाहे वह चोट लगने से हो या फिर बीमारी से.
तापमान के प्रति असंवेदनशीलता: इन लोगों को गर्मी या ठंड का एहसास कम होता है.
अधिक पसीना आना: CIPA से पीड़ित कुछ लोगों को ज्यादा पसीना आता है.
बार-बार चोट लगना: दर्द का अनुभव न होने के कारण ये लोग अक्सर चोटिल हो जाते हैं.
संक्रमण: चोटों के कारण इन लोगों में संक्रमण का खतरा अधिक होता है.
इन परेशानियों का करना पड़ता है सामना
CIPA से पीड़ित लोगों के लिए जीवन आसान नहीं होता है. उन्हें लगातार सावधान रहना होता है ताकि वे चोटिल न हों. उन्हें अपनी हेल्थ का खास ध्यान रखना होता है और नियमित रूप से डॉक्टर के पास जाना होता है.
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