अपनी कार या फिर घर पर नहीं लगा सकते हैं ये राष्ट्रीय प्रतीक, लाखों का जुर्माना और हो सकती है जेल
अशोक स्तंभ,तिरंगा समेत सभी राष्ट्रीय चिन्हों को लेकर कानून बना हुआ है. क्या आप जानते हैं कि आम इंसान इन चिन्हों का इस्तेमाल कभी भी और कहीं भी नहीं कर सकता है. ऐसा करना गैर-कानूनी माना जाता है.
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कई बार लोग जानकारी के अभाव में बड़ा कानूनी जुर्म करते हैं. जी हां, आपने देखा होगा कि कई लोग गाड़ियों के आगे राष्ट्रीय ध्वज लगाकर घूमते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आम इंसान राष्ट्रीय प्रतीकों का इस्तेमाल घरों या गाड़ियों पर नहीं कर सकता है. ऐसा करने पर उसे भारी जुर्माना देना पड़ सकता है.
तिरंगे को लेकर क्या है नियम?
बता दें कि आम नागरिक अपने घर पर तिरंगा फहरा सकते हैं. इसके अलावा इसे कार्यालयों और फ़ैक्ट्रियों में भी फहराया जा सकता है. हालांकि तिरंगे का इस्तेमाल करते समय कुछ नियमों का पालन करना होता है. नियमों के मुताबिक राष्ट्रीय ध्वज का इस्तेमाल वस्तुओं को लपेटने, प्राप्त करने और बांटने के लिए नहीं किया जा सकता है. ध्वज को जमीन या फर्श या पानी में स्पर्श की अनुमति नहीं है. किसी कार्यक्रम में वक्ता की मेज को ढकने या वक्ता के मंच को इससे लपेटा नहीं जा सकता है.
गाड़ी पर नहीं लगा सकते हैं तिरंगा?
राष्ट्रीय ध्वज को आम इंसान अपनी गाड़ियों पर नहीं लगा सकता है. देश में गाड़ियों पर तिरंगा लगाने का विशेषाधिकार सिर्फ कुछ ही लोगों को है. भारतीय ध्वज संहिता, 2002 के पैराग्राफ 3.44 के मुताबिक मोटर कारों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने का विशेषाधिकार केवल राष्ट्रपति,उप-राष्ट्रपति,राज्यपाल और उपराज्यपाल,भारतीय मिशन पदों के प्रमुख,प्रधानमंत्री,कैबिनेट मंत्री, राज्य मंत्री और संघ के उप मंत्री,किसी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश के मुख्यमंत्री और कैबिनेट मंत्री,लोकसभा अध्यक्ष, राज्यसभा के उपाध्यक्ष, लोकसभा के उपाध्यक्ष, राज्यों में विधान परिषदों के अध्यक्ष, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में विधानसभाओं के अध्यक्ष, राज्यों में विधान परिषद के उपाध्यक्ष, राज्यों में विधानसभाओं के उपाध्यक्ष और केंद्र शासित प्रदेश भारत के मुख्य न्यायाधीश,उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश,उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीश,उच्च न्यायालयों के न्यायाधीश व्यक्तियों तक ही सीमित है.
कितनी मिलती है सजा
नागरिकों को घर पर तिरंगा फहराने या हाथ में झंडा लेकर चलने की आजादी है. लेकिन प्राइवेट गाड़ियों पर झंडा लगाना कानूनन अपराध है. अगर कोई ये अपराध करता है, तो उस पर राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम, 1971 के तहत कार्रवाई की जा सकती है. इसके मुताबिक भारत के राष्ट्रीय प्रतीकों जैसे राष्ट्रीय ध्वज, संविधान और राष्ट्रगान के अपमान करने पर व्यक्ति को 3 साल तक की जेल या जुर्माना या फिर दोनों सजाएं हो सकती हैं.
अशोक स्तंभ का इस्तेमाल
बता दें कि राष्ट्रीय चिन्ह अशोक स्तंभ का इस्तेमाल संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्ति ही कर सकते हैं. देश के राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री, राज्यपाल, न्यायपालिका और संरकारी संस्थानों के अधिकारी कर सकते हैं. वहीं संवैधानिक पदों को छोड़ने यानी रिटायर होने के बाद वो व्यक्ति राष्ट्रीय चिन्ह का इस्तेमाल नहीं कर सकता है.
घरों में नहीं कर सकते हैं राष्ट्रीय चिन्हों का इस्तेमाल
राष्ट्रीय चिन्हों को इस्तेमाल कोई भी व्यक्ति अपनी मर्जी से अपने घरों या कहीं पर भी नहीं कर सकता है. इसको लेकर कानून है. बता दें कि 2005 में इसके लिए विशेष कानून भारतीय राष्ट्रीय चिन्ह (दुरुपयोग की रोकथाम) एक्ट लगाया गया था. हालांकि इसके बाद 2007 में इसमें कुछ बदलाव किए गये थे. राष्ट्रीय चिन्हों का दुरुपयोग करने पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है.
राष्ट्रीय चिन्ह का दुरुपयोग करने पर सजा?
भारतीय राष्ट्रीय चिन्ह एक्ट के मुताबिक अगर कोई आम नागरिक अपनी मर्जी से अशोक स्तंभ का इस्तेमाल करता है, तो उसके लिए सजा का प्रावधान है. उसे 2 वर्ष की कैद हो सकती है. इसके अलावा 5000 रुपये तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है, यानी दोनों सजा हो सकती है.
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