इंसानों से ज्यादा स्मार्ट होते हैं ये छोटे से जीव, हर घर में होते हैं मौजूद
धरती पर कई तरह के जीव पाए जाते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक छोटी सी चींटी इंसानों से ज्यादा स्मार्ट होती है. वैज्ञानिकों ने इसको लेकर चींटियों के ऊपर गहन अध्ययन किया है.

धरती पर असंख्य जीव-जंतु रहते हैं. इन सभी जीवों की विशेषताएं भी अलग-अलग होती हैं. लेकिन आज हम आपको जिस जीव के बारे में बताने वाले हैं, ये हर घर में पाया जाता है. लेकिन इस जीव के बारे में एक खास बात आप नहीं जानते होंगे. जी हां, हम ‘चींटी’ के बारे में बात कर रहे हैं. क्या आप जानते हैं कि एक छोटी सी चींटी इंसानों से ज्यादा स्मार्ट होती है.
चींटी
चींटी एक ऐसा जीव है, जो आपको घरों से लेकर बाहर जमीन और पेड़ों तक पर पाई जाती है. चीटियों की सबसे बड़ी विशेषता तो उनका आपसी तालमेल होता है. लेकिन चींटियों को लेकर वैज्ञानिकों ने बड़ा रिसर्च किया है. जिसके मुताबिक ये इंसानों से ने ज्यादा स्मार्ट होते हैं.
चींटियों पर रिसर्च
चींटियों को लेकर वैज्ञानिकों ने क पियानो मवर्स पजल का प्रयोग किया है. जिसमें चींटिंयों और इंसानों को परखा गया है. इस स्टडी में अकेला इंसान अकेली चींटी से जहां कहीं अधिक बुद्धिमान पाए गये हैं , वहीं समूह में चीटियों ने बहुत बढ़िया सफलता हासिल की है. दरअसल चींटियों की सफलता का राज उनका समूह में तालमेल ही है. रिसर्च के मुताबिक वास्तव में सभी चींटियां बहनों की तरह होती हैं, उनकी साझी रुचि होती है और सहयोग और तालमेल ही उन्हें अपने कामों में बेहतरीन नतीजे देने वाला बना जाता है.
दुनिया के सबसे पुराने कीट चींटी
बता दें कि चींटी दुनिया के सबसे पुराने कीटों में एक है. इतना ही नहीं एक चींटी खुद के वजन से 50 गुना वजन उठा लेती हैं. इसकी वजह ये है कि उनकी मांसपेशियां उनके शरीर के भार की तुलना में ज्यादा मोटी होती हैं. जबकि ऐसा बड़े जानवरों में नहीं होता है. इसके अलावा चींटियों की कॉलोनी बहुत ही ज्यादा बड़ी होती हैं. औसतन एक कॉलोनी में हजारों चींटियां होती हैं और वे उनके अंदर भोजन जमा कर रखने की खास तरह कि व्यवस्था भी बना लेती हैं.
चींटियों में इंसानों से अच्छा तालमेल
चीटिंयों से सीखने के लिए तालमेल और सहयोग ही नहीं है. उनमें कार्य विभाजन यानी डिविजन ऑफ वर्क भी बहुत बेहतरीन होता है. बता दें कि चींटियां कई तरह के कार्यों को आपस में बांट लेती हैं. जहां रानी चींटी का काम केवल अंडे देना होता है. वहीं मादा चींटियां वर्कर के तौर पर भोजन की व्यवस्था और उसके भंडारण का काम करती हैं. वहीं नर चींटियों का काम केवल अंडे देने में रानी चींटी की मदद करना होता है. वहीं हैरानी की बात ये है कि चींटियां एक दूसरे को रासायनिक संकेत भेजकर आपस में संचार करती हैं. इन रसायनों को फेरेमोन्स कहते हैं.
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