अफगानिस्तान के साथ ये दो देश 17 अगस्त को मनाते हैं आजादी का जश्न, जानें क्या था इनका इतिहास
आज 17 अगस्त को अफगानिस्तान के साथ दो और देश भी आजादी का जश्न मनाते हैं. ऐसे में चलिए इसके इतिहास पर एक नजर डालते हैं.
भारत में 15 अगस्त को आजादी का जश्न मनाया गया. वहीं अफगानिस्तान 17 अगस्त को ये जश्न मनाता है. अफगानिस्तान में ये दिन 1919 की एंग्लो-अफगान संधि की याद दिलाता है, जिसके तहत अफगानिस्तान को ब्रिटिश शासन से फिर आजादी मिली थी. उस समय अफगानिस्तान ब्रिटिश नियंत्रण में था और द्वितीय आंग्ल-अफगान युद्ध के दौरान 1879 में हस्ताक्षरित गंडामक संधि के कारण इसे ब्रिटिश संरक्षित राज्य माना जाता था.
हालांकि अब अफगानिस्तान में तालिबान का शासन है. ऐसे में चलिए जानते हैं कि 17 अगस्त को और कौन से देश आजादी का जश्न मनाते हैं.
ये देश भी 17 अगस्त को मनाते हैं आजादी का जश्न
इंडोनेशिया- इंडोनेशिया दुनिया का चौथा सबसे ज्यादा आबादी वाला देश है. हर साल यहां 17 अगस्त 1947 को ये देश अपना स्वतंत्रता दिवस मनाता है. 17 अगस्त 1947 को इंडोनेशिया को जापान से आजादी मिली थी. जापानी कब्जे से मुक्ति मिली थी. जापान के कब्जा करने से पहले इंडोनेशिया डचों के कब्जे में था. डचों से भी मुक्ति पाने के लिए इंडोनेशिया को संघर्ष करना पड़ा था.
गैबॉन- 17 अगस्त को गैबॉन में भी स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है. गैबॉन की स्वतंत्रता का इतिहास काफी लंबा और जटिल है. फ्रांसीसी पहली बार 19वीं सदी की शुरुआत में गैबॉन में उतरे थे. 1839 में कैप्टन एडौर्ड बौएट-विलौमेज ने दो मपोंगवे कुलों के प्रमुखों, राजा डेनिस और राजा लुइस के साथ संधियों पर बातचीत की, उसमें वो दास व्यापार को समाप्त करने और अपनी भूमि पर फ्रांसीसी संप्रभुता को स्वीकार करने के लिए सहमत हुए. फ्रांसीसियों ने तट पर अपना नियंत्रण और बढ़ाया. 1849 में उन्होंने लिब्रेविल शहर की स्थापना की.
19वीं सदी के आखिरी में फ़्रांसीसी लोगों ने गैबॉन के अंदरूनी इलाकों का पता लगाना शुरू किया. 1875 और 1885 के बीच पियरे सवोर्गन डे ब्रेजा के अभियानों ने ऊपरी ओगूए नदी और लोआंगो तट पर फ़्रांसीसी अधिकार स्थापित किया. 1910 में गैबॉन फ़्रांसीसी इक्वेटोरियल अफ़्रीका के संघ के भीतर चार उपनिवेशों में से एक बन गया.