1947 में भारत तो अंग्रेजो से हो गया था आजाद लेकिन इन राज्यों को सालों बाद मिली आजादी
सन् 1947 में जब भारत आजाद हुआ था तब पुर्तगालियों ने भारत को गोवा सौंपने से इनकार कर दिया था. लेकिन इसके 14 साल बाद भारत ने ऑपरेशन विजय चलकर के गोवा पर अपना अधिकार वापस प्राप्त कर लिया
साल 1757 से लेकर साल 1947 तक भारत में अंग्रेजों का राज रहा था. इसके बाद सालों के संघर्ष के बाद जाकर भारत को अंग्रेजों से आजादी मिली थी. अंग्रेजो से जब भारत को आजादी मिली तब भारत में 17 प्रांत और 550 से ज्यादा रियासतें थीं.अंग्रेजो से आजादी इसके बाद भारत का एकीकरण किया गया. आजादी के बाद भारत के सभी प्रांतों और रियासतों का भारत में विलय कर लिया गया और भारत में 14 राज्य बनाए गए. लेकिन क्या आपको पता है वर्तमान भारत के 2 ऐसे राज्य थे जो 1947 में आजाद नहीं थे. बल्कि उसके काफी सालों बाद आजाद हुए थे. आइए जानते हैं पूरी खबर.
1961 में गोवा हुआ था आजाद
पर्यटन की दृष्टि से गोवा भारत का काफी अहम राज्य है. हर साल हजारों की संख्या में टूरिस्ट गोवा घूमने आते हैं. गोवा में बेहद सुंदर जगह घूमने की है गोवा में भारत के सबसे बेहतरीन बीच है और सबसे जरूरी बात गोवा में शराब बेहद सस्ती है. साल 1947 में जब भारत आजाद हुआ था तब गोवा भारत का हिस्सा नहीं था. यानी कि गोवा तब एक अलग टेरिटरी हुआ करता था. चलिए आपको बताते हैं पूरी कहानी. दरअसल 1510 में गोवा पर पुर्तगालियों ने कब्जा कर लिया था. इसके बाद सन् 1947 में जब भारत आजाद हुआ था तब पुर्तगालियों ने भारत को गोवा सौंपने से इनकार कर दिया था. लेकिन इसके 14 साल बाद भारत ने ऑपरेशन विजय चलकर के गोवा पर अपना अधिकार वापस प्राप्त कर लिया. इस प्रकार से साल 1961 में गोवा भारत का राज्य बना.
सिक्किम 1975 में हुआ था आजाद
नॉर्थ ईस्ट में अगर घूमने के लिए सबसे बेहतरीन जगह की बात की जाए तो सिक्किम राज्य पर्यटन के क्षेत्र से सैलानियों को खूब लुभाता है. लेकिन क्या आपको पता है सिक्किम भारत के आजाद होने के बाद भी भारत का हिस्सा नहीं था. भले ही भारत 1947 में आजाद हो गया था. लेकिन सिक्किम भारत का हिस्सा नहीं बना था. क्योंकि सिक्किम में उस वक्त नामग्याल राजवंश का राज चल रहा था. भारत में विलय की शर्त को नामग्याल वंश के शासक ने ठुकरा दिया था. इसीलिए सिक्किम भारत का हिस्सा नहीं बन पाया था. लेकिन 23 अप्रैल 1975 को लोकसभा में बिल पास किया गया और 26 अप्रैल को राज्य सभा में भी पास हो गया. इसके बाद भारत के राष्ट्पति द्वारा सिक्किम को भारत का हिस्सा घोषित कर दिया. इस तरह सिक्किम भारत का हिस्सा बना.
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