पृथ्वी पर कई ऐसे जीव हैं जो हमें समय-समय पर चौंकाते रहते हैं. आज हम जिस जीव की बात कर रहे हैं उसे वॉटर बियर कहा जाता है. हालांकि, विज्ञान की भाषा में इसे टार्डिग्रेड कहते हैं. इस जीव की खासियत ये है कि ये उबलते पानी में भी जिंदा रहता है. चलिए आज आपको इस जीव के बारे में विस्तार से बताते हैं. इसके साथ ही आपको ये भी बताते हैं कि आखिर ये जीव ऐसा कर कैसे कर लेते हैं.
कैसे होते हैं ये जीव
वॉटर बियर दुनिया के सबसे अद्भुत और रहस्यमयी जीवों में से एक हैं. ये एक तरह के सूक्ष्म जीव हैं जो पानी में रहते हैं. इस जीव की सबसे खास बात ये है कि यह कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी जीवित रह सकते हैं. यानी खौलते पानी, बर्फीले पानी, रेडिएशन वाले पानी और वैक्यूम जैसी स्थिति में भी ये जीव जिंदा रह सकते हैं. इन जीवों के आकार की बात करें तो ये लगभग 0.3 से 0.5 मिलीमीटर आकार के होते हैं.
100°C पर भी जिंदा रहते हैं
वॉटर बियर उस पानी में भी जिंदा रह लेते हैं जो खौलते हुए 100°C तक पहुंच जाता है. इस जीव के ऐसी परिस्थिति में जिंदा रहने के पीछे जो कारण है उसे क्रिप्टोबायोसिस कहते हैं. दरअसल, क्रिप्टोबायोसिस एक ऐसी शारीरिक स्थिति है, जिसमें जीव अपने शरीर की क्रियाशीलता को लगभग पूरी तरह से खत्म कर देता है और मेटाबोलिज्म पूरी तरह से रुक जाता है. इस प्रक्रिया के दौरान वॉटर बियर अपनी कोशिकाओं में एक तरह का ग्लिसेरॉल नामक रासायनिक पदार्थ जमा करते हैं, जो उन्हें गर्मी या फिर बहुत ज्यादा सर्दी से बचाता है.
टनिंग प्रक्रिया के जरिए भी ऐसा होता है
क्रिप्टोबायोसिस के अलावा ये जीव टनिंग कर के भी अपने आप को बचा लेते हैं. दरअसल, इस अवस्था में वॉटर बियर अपनी कोशिकाओं का पानी निकालकर अपने शारीरिक अंगों को सिकोड़ लेते हैं और अपने बाहर एक प्रकार का कड़ा खोल बना लेते हैं, जो उन्हें आत्यधिक गर्मी और सर्दी से बचाता है. सबसे बड़ी बात कि ये जीव इस स्थिति में महीनों, सालों या कभी-कभी तो दशकों तक जीवित रह सकते हैं.
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