देशभर में भीषण गर्मी पड़ रही है. गर्मी के कारण इंसानों के साथ जानवरों की हालत भी बेहद खराब है. गर्मी के कारण कई बार पक्षियों की मौत भी हो जाती है. लेकिन क्य़ा आप जानते हैं कि एक ऐसी पक्षी भी है, जो इस गर्मी के समय ही अपने घर की तरफ लौटकर आते हैं. आज हम आपको बताएंगे कि ये पक्षी आखिर गर्मी के वक्त ही अपने घोंसले की तरफ लौटकर क्यों आते हैं. 


शाह बुलबुल 


बता दें कि इंडियन पैराडाईस फ्लाईकैचर को हिंदी में सुल्तान बुलबुल या शाही बुलबुल के नाम से जाना जाता है. दिखने में यह एक सुंदर व आकर्षक पक्षी है, जो गहरे जंगलों में भी आपका ध्यान आकर्षित कर सकती है. हालांकि इनके नर व मादा के रंग में अंतर होता है. नर पक्षी का रंग चांदी की तरह सफेद चमकीला होता है, इसके सिर का रंग चमकीला काला व पूंछ के बीच वाले पंख काफी लंबे होते हैं. इसकी पूंछ एक रिबन की तरह दिखती है और इसकी लंबाई लगभग दस इंच तक होती है. वहीं इसकी चोंच गोलाई में नीले-काले रंग की होती है और आंखें काली तथा आंखों का घेरा नीले व काले रंग का होता है. वहीं इसके पंजे छोटे होते हैं. इसके अलावा मादा पक्षी के शरीर का ऊपरी हिस्सा बादामी भूरे रंग का तथा नीचे का हिस्सा स्लेटी सफेद होता है. 


गर्मी के दिनों में दिखते हैं ये पक्षी


जानकारी के मुताबिक मई से जुलाई माह तक शाह बुलबुल का प्रजनन काल होता है. जिस कारण से यह पक्षी अपने घोंसले से अधिक दूर नहीं जाते हैं. वहीं सर्दियों के मौसम में ये पक्षी देश के दक्षिणी हिस्सों में प्रवास कर जाते हैं. आमतौर पर देखा जाता है कि कई चिड़िया सर्दियों के मौसम में प्रवास करने भारत आती हैं, लेकिन यह एक स्थानीय प्रवासी पक्षी है. जो गर्मियों के समय में माइग्रेट करके अपने निवास स्थान पर आता है. ये पक्षी अक्सर कम गहराई वाले जलाशय के करीब खाली मैदान की झाड़ियों में घोंसला बनाते हैं.


बता दें कि इंडियन पैराडाईस फ्लाईकैचर यानी शाही बुलबुल पक्षी का मुख्य भोजन मक्खी तथा अन्य उड़ने वाले कीट होते हैं. ये पक्षी उड़ते हुए कीड़ों का शिकार बहुत तेजी से करती है. आमतौर पर देखा गया है कि जंगलों में ये पेड़ों, उनके नीचे उगी घास और झाड़ियों के ऊपर उड़ रहे कीटों को उड़ते हुए ही खाते हैं. ये पक्षी पेड़ों पर ही रहते हैं. क्योंकि पंजे छोटे होने के कारण इन्हें जमीन पर बैठने में परेशानी होती है.