ये जीव कर सकता है भूकंप की सबसे सटीक भविष्यवाणी, जान लीजिए नाम
भूकंप का सटीक अनुमान लगाना मुश्किल है, लेकिन क्या आप एक ऐसे जानवर के बारे में जानते हैं जो भूकंप की सबसे सटीक भविष्यवाणी कर सकता है? चलिए आज हम आपको उसी जानवर के बारे में बताते हैं.
भूकंप एक प्राकृतिक आपदा है जो इंसान के जीवन को पूरी तरह से प्रभावित कर सकती है. हालांकि, भूकंप के आने का अनुमान लगाना आसान नहीं है और इस पर शोध करते हुए वैज्ञानिकों ने कई उपायों पर परीक्षण किया है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक ऐसा जीव है जो भूकंप के आने की सटीक भविष्यवाणी करता है. ये जीव और कोई नहीं बल्कि बिल्ली है. बिल्लियां न केवल भूकंप के होने से पहले एक रहस्यमय तरीके से व्यवहार बदलती हैं, बल्कि इसके साथ-साथ कई अन्य छोटे जीव भी भूकंप का संकेत देने में सक्षम माने जाते हैं.
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बिल्लियों का भूकंप से क्या है कनेक्शन?
हम सभी जानते हैं कि बिल्लियां अपने आस-पास के माहौल के प्रति बेहद संवेदनशील होती हैं. हालांकि, बिल्लियों के भूकंप के संकेत देने के बारे में कई सालों से बात होती रही है, लेकिन अब इस पर कुछ वैज्ञानिक शोध भी सामने आए हैं, जो बिल्लियों के व्यवहार में होने वाले बदलावों को भूकंप से जोड़ते हैं.
दरअसल बिल्ली एक स्वाभाविक रूप से सतर्क और संवेदनशील जीव है. वो अक्सर अपने आसपास के परिवेश को सूंघने और सुनने में माहिर होती हैं. भूकंप के पहले बिल्लियां अक्सर एक अलग प्रकार का व्यवहार दिखाती हैं. वो हिंसक और घबराए हुए नजर आती हैं, घर के कोनों में छुपने की कोशिश करती हैं, या फिर घर के बाहर की ओर दौड़ने लगती हैं. कई बार बिल्लियां रोने लगती हैं, या तेज आवाजें निकालने लगती हैं, जो उनका डर और घबराहट व्यक्त करने का तरीका होता है.
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क्या भूकंप की भविष्यवाणी कर सकती हैं बिल्लियां?
पिछले अनुभवों और शोध से पता चला है कि बिल्लियों के साथ-साथ कई अन्य जानवर भी भूकंप के संकेतों को महसूस कर सकते हैं. बिल्लियों के इस व्यवहार को वैज्ञानिकों ने कुछ खास हाइपोथीसिस के आधार पर समझने की कोशिश की है.
सुनने की क्षमता: बिल्लियों की सुनने की क्षमता इंसानों से कहीं ज्यादा होती है. वो कम आवृत्तियों (low-frequency sounds) को सुन सकती हैं, जिन्हें इंसान नहीं सुन सकते. भूकंप आने से पहले पृथ्वी में हलचल होती है, जिससे अत्यधिक कम आवृत्तियों की आवाजें उत्पन्न होती हैं. यह आवाजें बिल्लियों के कानों तक पहुंचती हैं और वो इन्हें भूकंप के संकेत के रूप में पहचान सकती हैं.
भूमिगत गैसों की उपस्थिति: भूकंप से पहले अक्सर कुछ गैसों का रिसाव होता है, जैसे कि रेडॉन गैस. यह गैसें पहले से बहुत हल्की हो सकती हैं, लेकिन बिल्लियां इनका सूंघने में सक्षम होती हैं. जब इन गैसों का स्तर बढ़ता है, तो बिल्लियां घबराहट महसूस करती हैं और उनका व्यवहार बदल जाता है.
पृथ्वी में तनाव: भूकंप के होने से पहले पृथ्वी के भीतर अत्यधिक दबाव और तनाव पैदा होता है, जो छोटे-छोटे कम्पन उत्पन्न कर सकता है. बिल्लियां इन कंपनों को महसूस करती हैं, जो आमतौर पर इंसान नहीं महसूस कर सकते.
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