धरती पर लाखों प्रजाति के पेड़-पौधे पाए जाते हैं. पेड़ पौधों के साथ ही घास भी कई प्रजाति के पाए जाते हैं. इनमें से कुछ घास इंसानों के लिए फायदमेंद होते हैं और कुछ घास काफी खतरनाक होते हैं. आज हम आपको एक ऐसे घास के बारे में बताने वाले हैं, जिसको छुने से इंसान को एलर्जी होने लगती है. जी हां, ये खास इंसानों के साथ जानवरों के लिए भी खतरनाक होता है.
जंगली घास
आपने देखा होगा कि घरों के आस-पास घास उगना एक आम बात होती है. जंगली घास घरों से लेकर किसी भी खाली जगह पर उग जाती है. लेकिन आज हम आपको एक ऐसे घास के बारे में बताने वाले हैं, जो इंसानों के साथ जानवरों के लिए भी खतरनाक होती है. अगर आपको भी ये घास कहीं दिखता है, तो आप उससे सावधान होना चाहिए.
गाजर घास
बता दें कि इस घास का नाम गाजर घास है. ये घास किसानों की फसलों को तो खराब करती ही है, वहीं ये इंसानों के लिए भी बेहद खतरनाक है. इसका नाम ‘गाजर घास’ (Parthenium hysterophorus) है. ये गाजर घास खाली पड़े प्लॉट, सड़क किनारे और रेलवे लाइन के किनारे ज्यादातर देखने को मिलती है. ये कहीं भी पैदा हो जाती हैं और तेजी से फैलती हैं.
शरीर के लिए खतरनाक है ये घास
कृषि जानकारों के मुताबिक यह घास इतनी खतरनाक है कि अगर कोई इसके संपर्क में आता है, तो उसे एलर्जी और एक्जिमा के साथ-साथ त्वचा संबंधी रोग हो सकते हैं. वहीं ज्यादा देर संपर्क में रहने से अस्थमा जैसी गंभीर बीमारी भी हो सकती है. इसके अलावा कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर के प्रभारी डॉ. एनसी त्रिपाठी बताते हैं कि गाजर घास खतरनाक खरपतवार है, जो किसानों की फसलों को तो बर्बाद करता ही है, मानव जीवन को भी नुकसान पहुंचाती है. इसे जानवर भी नहीं खाते हैं.
गाजर घास खतरनाक
गाजर घास जिसे आम बोलचाल की भाषा में काग्रेस घास व वैज्ञानिक भाषा में पारथेनियम हिस्टिरोफोरस के नाम से जाना जाता है. वैज्ञानिकों के मुताबिक गाजर घास के पौधे में पारथेनिन नामकजहरीला रसायन पदार्थ होता है। यही कारण है कि जो भी इंसान इससे छू जाता है, अर्थात यह घास उसके शरीर से लग जाती है, तो उससे मानव एवं पशु के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इससे एलर्जी एवं खुजली, आंखों में जलन, शरीर विशेषकर आंखों के आस-पास काले धब्बे व फफोले, बुखार, अस्थमा, जुकाम, दमा, चर्म व श्वास सम्बन्धी एलर्जी इत्यादि रोगों के साथ-साथ अनेकों बीमारियों के होने की सम्भावना बढ़ जाती है।