देश के इस सम्राट ने सबसे पहले बनाई थी पुलिस व्यवस्था, सेना के भी कर दिए थे छह हिस्से
भारत में ऐसे कई राजा हुए जिन्होंने लोगों की भलाई के लिए ऐसे कई काम किए जो आज भी याद किए जाते हैं. हम आज एक ऐसे ही राजा के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने सेना के होते हुए पुलिस फोर्स बनाई थी.
इतिहास में कई राजा महाराजा ऐसे रहे हैं जो आज भी याद किए जाते हैं. आज हम एक ऐसे ही राजा के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें उनकी वीरता के साथ उनके किए गए कार्यों के लिए भी जाना जाता है. उन्होंने पूरे भारत को एक कर उसपर राज किया और मौर्य वंश की स्थापना की. साथ ही ये पहले सम्राट थे जिन्होंने पुलिस व्यवस्था बनाई थी. तो चलिए आज उन्हीं के बारे में जानते हैं.
इस राजा ने बनाई थी पुलिस व्यवस्था
इतिहास में चंद्रगुप्त मौर्य का नाम बड़ेे ही सम्मान से लिया जाता है. मौर्य वंश की संस्थापक चंद्रगुप्त मौर्य को भारत का पहला सम्राट माना जाता है जिसने पूरे भारत में अपना शासन फैलाया था. चंद्रगुप्त के जन्म को लेकर कई कहानियां है, लेकिन चाणक्य जब उनके गुरू बने तो उनकी दिशा ही बदल गई.
चाणक्य ने तक्षशिला विश्वविद्यालय में चंद्रगुप्त को दीक्षा दी. जिसके बाद चंद्रगुप्त मौर्य ने सबसे पहले मगध के नंद वंश को समाप्त किया और अपना शासन स्थापित किया और फिर अलग-अलग खंडो में विभाजित भारत को अखंड बनाया. चंद्रगुप्त मौर्य ने अपनी प्रजा की भलाई के लिए भी कई कार्य किए. चंद्रगुप्त ऐसे पहले शासक माने जाते हैं जिन्होंने जनता की भलाई के लिए पहली पुलिस व्यवस्था भी की थी.
क्यों की पुलिस व्यवस्था?
चंद्रगुप्त मौर्य ने नगर में अनुशासन बनाए रखने और अपराधों पर नियन्त्रण रखने के लिए पुलिस व्यवस्था बनाई थी, जिसे रक्षित कहा जाता था. यूनानी स्रोतों से ये पता चलता है कि नगर प्रशासन में तीन प्रकार के अधिकारी होते थे- एग्रोनोयोई (जिलाधिकारी), एण्टीनोमोई (नगर आयुक्त) और सैन्य अधिकारी.
6 हिस्सों में बांटी थी सेना
चंद्रगुप्त मौर्य ने अपनी सेना को भी 6 हिस्सों में बांट दिया था. जिसमें पहली समिति उद्योग शिल्पों के निरीक्षण का कार्य करती थी. वहीं दूसरी समिति विदेशियों की देखरेख का कार्य करती थी. उनकी सेना की तीसरा हिस्सा यानी तीसरी समिति जनगणना का कार्य करती थी. चौथी समिति व्यापार और वाणिज्य की व्यवस्था का कार्य देखती थी. वहीं पांचवीं समिति का कार्य विक्रय की व्यवस्था देखना और उनका निरीक्षण करना होता था. इसके अलावा छठी समिति का कार्य कर वसूली करना होता था.
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