आंसुओं को बुलेट में बदल देती है यह गन, होश उड़ा देगी यह तकनीक
बंदूक की गोली की रफ्तार इंसान देख नहीं पाता है. कुछ गोलियों की रफ्तार तो इतनी तेज होती है कि इंसान जब तक ये समझता है कि गोली की आवाज कहां से आई तब तक वो इंसान को लग चुकी होती है.
बंदूक की गोली लगने से इंसान की तुरंत मौत हो सकती है. आपने देखा होगा कि जब बंदूक से गोली निकलती है, तो उसकी स्पीड इतनी होती है कि पलक झपकते ही व्यक्ति की जान जा सकती है. अधिकांश बंदूकों की गोली की रफ्तार इतनी होती है कि आप अपनी आंखों से देख नहीं पाएंगे. बंदूक की गोली बनाने वाली कंपनी अलग-अलग तकनीकों का इस्तेमाल करती है. लेकिन आज मैं आपको एक ऐसी तकनीक के बारे में बताऊंगा जहां पर आंख के आंसूओं से गोली बन रही है. जी हां, जानिए आंसूओं से गोली कैसे बन रही है.
बंदूक की गोली
बंदूक से निकलने वाली गोली चंद मिनटों के अंदर इंसान की जा ले सकती है. इतना ही नहीं बंदूक की गोली की रफ्तार इतनी होती है कि इंसान उसको देख नहीं पाता है. ऐसे में सवाल ये है कि बंदूक से निकलने वाली रफ्तार की गति क्या हो सकती है? बता दें कि बंदूक से निकलने वाली गोली की गति अलग-अलग प्रकार की बंदूकों पर निर्भर करती है. हर बंदूक की अपनी-अपनी खासियत होती है और बंदूक की विशेषताओं के अनुसार यह तय किया जाता है कि गोली की गति क्या हो सकती है.
ये भी पढ़ें: यहां बियर के स्विमिंग पूल में नहाते हैं लोग, हर कोई लेता है इसके मजे
गोली का प्रकार
बता दें कि फायरिंग में इस्तेमाल होने वाली गोली के मूलतः तीन हिस्से होते हैं. बंदूक से निकलने वाली गोली को कार्ट्रिज कहा जाता है. कार्ट्रिज के तीन हिस्से होते हैं. इसके सबसे आगे वाले हिस्से को बुलेट कहते हैं, जो इंसान के शरीर में घुसकर उसे गंभीर चोट पहुंचाता है. वहीं बीच वाले हिस्से को केस या खोखा कहा जाता है, जिसमें बारूद भरा होता है. कार्ट्रिज के सबसे पिछले हिस्से को प्राइमर कंपाउंड कहा जाता है, जो फायरिंग के वक्त बारूद में विस्फोट करता है. फायरिंग करते वक्त कार्ट्रिज का खोखा बंदूक से निकलकर वहीं गिर जाता है और बुलेट बंदूक से बाहर निकल जाती है.
ये भी पढ़ें: अगर आपने एक्सपायरी डेट वाली बियर पी ली तो क्या होगा? ये रहा जवाब
आंसू वाली गोली
अब आप सोच रहे होंगे कि आंसू से गोली आखिर कैसे बनती है. बता दें कि आंसू से गोली बनाने के लिए पहले आंसू को एक सिलिकॉन कप में इकठ्ठा करना पड़ता है. जिसके बाद पाइप के द्वारा उसे कंटेनर में डाला जाता है. कंटनेर में आंसू को बिल्कुल ठोस बना दिया जाता है. इसके बाद इसे बंदूक से शूट किया जाता है. इस बंदूक का डिजाइन चीन की एक लड़की वाई-चाई चीन ने तैयार किया है.
ये भी पढ़ें: शुतुरमुर्ग जमीन के अंदर छिपाता है अपना अंडा, जानिए क्या है इसके पीछे की वजह
बंदूक से निकलने वाली गोली की स्पीड
बता दें कि गोलियों की गति बंदूक के डिज़ाइन और बैरल की लंबाई पर भी निर्भर करती है. आमतौर पर किसी भी बंदूक से निकलने वाली गोली की गति 2500 फीट प्रति सेकंड मानी जाती है. वहीं आम इस्तेमाल में आने वाली राइफलों में 223 बोर रेमिंगटन राइफल की जैकेट वाली गोली की स्पीड सबसे ज्यादा होती है. इस गोली 3240 फीट प्रति सेकंड की स्पीड से निकलती है. यानि ध्वनि की गति तेज होती है. ध्वनि की गति 1100 फीट प्रति सेकंड मानी जाती है. जब तक गोली की आवाज आप तक पहुंचेगी तब तक गोली आपके शरीर में लग चुकी होगी.
ये भी पढ़ें: वाइन का रंग क्यों होता है गहरा लाल, पीते हुए कभी दिमाग में आया है ये खयाल