(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
क्या दिव्यांग लोगों को मिल सकता है ड्राइविंग लाइसेंस? आप भी जान लीजिए ये नियम
Driving Licence For Disabled Persons: भारत में फिजिकल डिसेबिलिटी वाले लोगों का भी ड्राइविंग लाइसेंस बनता है. लेकिन इसके लिए नियम थोड़े अलग होते हैं. चलिए जानते हैं दिव्यांग लोग कैसे दे सकते हैं आवेदन.
Driving Licence For Disabled Persons: किसी भी देश में किसी वाहन को चलाने के लिए वहां के लोगों को ड्राइविंग लाइसेंस की जरूरत होती है. बिना ड्राइविंग लाइसेंस के गाड़ी चलाना एक कानूनी अपराध होता है. भारत में सामान्य तौर पर ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए कुछ नियम कायदों का पालन करना होता है.
इसके बाद कोई भी 18 साल से ऊपर का नागरिक ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए आवेदन दे सकता है. लेकिन क्या आपको पता है दिव्यांग जनों का भी ड्राइविंग लाइसेंस बनता है. चलिए जानते हैं क्या होती है दिव्यांग जनों के लिए ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया.
सबसे पहले अपनी गाड़ी को बदलना होगा
दिव्यांग लोगों के लिए सामान्य गाड़ी चलाना कठिन काम होता है. लेकिन वह मोडिफाइड व्हीकल्स का आसानी से उपयोग कर सकते हैं. दिव्यांगजन अपनी कार या अपनी दो पहिया वाहन को अपनी सहूलियत के अनुसार डिसेबिलिटी फ्रेंडली बना सकते हैं. ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन देने से पहले आपको अपने वाहन को डिसेबिलिटी फ्रेंडली बनाने की प्रक्रिया को पूरा कर लेना चाहिए. पहले इस तरह के वाहनों को इनवेलिड कैरिज यानी अमान्य कैरिज कहा जाता था. लेकिन अब इसे एडेप्टेड व्हीकल यानी अनुकूलित वहां कहा जाता है.
नार्मल ड्राइविंग लाइसेंस की तरह होती बाकी प्रोसेस
जब आप अपने अडॉप्टेड व्हीकल ऑप्शन के जरिए ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने का आवेदन देते हैं. उसके बाद सामान्य लाइसेंस की तरह ही आपको ड्राइविंग लाइसेंस के लिए अप्लाई करना होता है पहले आपको लर्निंग लाइसेंस दिया जाता है. इसके एक महीने बाद ही आप ड्राइविंग लाइसेंस के लिए अप्लाई कर सकते हैं. इसके लिए आपको आरटीओ ऑफिस जाना होता है अपने एडेप्टेड व्हीकल के साथ और फिर वहां जाकर आरटीओ ऑफीसर के सामने आपको गाड़ी चला कर दिखानी होती है उसके बाद लाइसेंस दे दिया जाता है.
यह दस्तावेज होते हैं जरूरी
दिव्यांग जनों को ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए आरटीओ दफ्तर में कुछ दस्तावेज जमा करने होते हैं. जिनमें उनका फिजिकल डिसेबिलिटी सर्टिफिकेट यानी विकलांगता प्रमाण पत्र होता है. इसके साथ ही विकलांगता आईडी. उनके एडेप्टेड व्हीकल की चेसिस नंबर की दो कॉपी. बता दें एडेप्टेड व्हीकल के जरिए ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन देने वालों लोगों का टैक्स माफ होता है. इसके साथ ही टोल टैक्स में भी छूट मिलती है.
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