सर्दियों का मौसम अपने चरम पर है. दिल्ली में ठंड इतनी ज्यादा है कि अगर बाहर आप कुछ देर बैठ जाएं तो लगेगा जैसे शरीर जम गया है. पहाड़ों पर तो स्नोफॉल हो रही है. दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और देश के कोने कोने से पर्यटक स्नोफॉल देखने पहाड़ों पर पहुंच रहे हैं. लेकिन क्या आपने सोचा है कि आखिर बादलों में यह बर्फ बनती कैसे है. आज हम आपको इस आर्टिकल में बादलों में बर्फ बनने का तरीका तो बताएंगे ही, लेकिन इसके साथ-साथ एक वीडियो भी दिखाएंगे जिसमें आप अपनी आंखों से इस प्रक्रिया को होते हुए देख पाएंगे.
वीडियो में क्या दिखाया गया है
वीडियो में देखा जा सकता है कि जैसे ही बादलों में बर्फ बनने की प्रक्रिया शुरू होती है यह बहुत तेजी से फैलने लगती है. दरअसल, यह प्रक्रिया पहले एक बिंदु से शुरू होती है और फिर यह चारों तरफ फैलने लगती है. धीरे-धीरे यह पूरे बादलों में फैल जाती है और उसके अंदर मौजूद तमाम वाष्प की बूंदों को जमा देती है.
कैसे बनता है बादलों में बर्फ
एपीजे क्लाइमेट एंड एटमॉस्फेरिक साइंस के जर्नल में प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा गया है कि जब गर्म हवाएं सर्द हवाओं के मुकाबले ज्यादा संघनित हो जाती हैं और यह संघनन ऊर्ध्वाधर हवाओं की गति को बढ़ाने में काम करता है तब बादलों में मौजूद वाष्प और ठंडे पानी की बूंदे जमने लगती हैं. जिसकी वजह से आप स्नोफॉल देख पाते हैं.
ओले कैसे पड़ते हैं
दरअसल, जब गर्मी बहुत ज्यादा होती है या सूरज की रोशनी बहुत तेज होती है तब समुद्र से और नदियों से पानी भाप बनकर आसमान में बादलों के रूप में इकट्ठा हो जाता है, इसके बाद जब यह बादल बहुत ज्यादा संगठित हो जाते हैं और आपस में टकराने लगते हैं तो बारिश होती है. लेकिन यही बादल जब आसमान में बहुत ऊपर चले जाते हैं और वहां मौजूद ठंड की वजह से इनके अंदर का पानी जमने लगता है और जमने के बाद बर्फ के छोटे-छोटे टुकड़े जब ऊपर से नीचे गिरने लगते हैं तो यह रास्ते में ही एक दूसरे से सटकर इकट्ठा होने लगते हैं और मोटे मोटे बर्फ में तब्दील हो जाते हैं. जिसे आप ओला गिरना कहते हैं.
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