ये है सबसे दुर्लभ ब्लड ग्रुप... पूरी दुनिया में सिर्फ 9 लोग ही कर सकते हैं डोनेट
इस बल्ड ग्रुप की खोज साल 1960 में हुई थी. इस का असली नाम आरएच नल (Rhnull) है. इस ब्लड का नाम गोल्डन बल्ड इसकी खासियतों की वजह से रखा गया है.
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अब तक आपने दुनिया भर में सिर्फ A+, A-, B+, B-, O+, O-, AB+, AB- ब्लड ग्रुप वालों के बारे में सुना होगा. लेकिन आज हम आपको एक ऐसे ब्लड ग्रुप के बारे में बताने जा रहे हैं, जो पूरी पृथ्वी पर सिर्फ 45 लोगों के पास ही है और सबसे बड़ी बात की इनमें से सिर्फ 9 लोग ही अपना खून डोनेट कर सकते हैं. हम बात कर रहे हैं गोल्डन ब्लड ग्रुप की जो पूरी दुनिया में सबसे दुर्लभ बल्ड ग्रुप है. ये एक ऐसे ब्लड ग्रुप का खून है जो किसी को भी चढ़ाया जा सकता है. दरअसल, इस ब्लड ग्रुप का खून किसी भी खून के साथ आसानी से मैच कर जाता है.
आरएच नल (Rhnull) के नाम से जाना जाता है इसे
इस बल्ड ग्रुप की खोज साल 1960 में हुई थी. इस का असली नाम आरएच नल (Rhnull) है. इस ब्लड का नाम गोल्डन बल्ड इसकी खासियतों की वजह से रखा गया है. इसकी सबसे बड़ी खासियत ये है कि यह किसी भी ब्लड ग्रुप के व्यक्ति को चढ़ाया जा सकता है. आपको बता दें यह ब्लड केवल उन्हीं लोगों के शरीर में पाया जाता है जिनक Rh फैक्टर null होता है.
अब जानिए ये RH फैक्टर क्या होता है
दरअसल, Rh फैक्टर लाल रक्त कोशिकाओं की सतह पर पाया जाने वाला एक खास तरह का प्रोटीन होता है. यह प्रोटीन अगर RBC में मौजूद है तो ब्लड Rh+ Positive होगा. वहीं यदि यह प्रोटीन उपस्थित नही है तो ब्लड Rh- Negative होगा. लेकिन गोल्डन ब्ल्ड वाले लोगों में Rh फैक्टर ना ही पॉजिटिव होता है और ना ही निगेटिव वो हमेशा Null होता है और इसीलिए इसे यह खास बनाता है.
इन देशों के लोगों में है ये खून
बिगथिंक की एक रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार, साल 2018 में जब पूरी दुनिया में इस खून की तलाश की गई तो पता चला कि सिर्फ 45 लोग ही ऐसे हैं जिनके पास ये खास खून है. ये लोग जापान, कोलंबिया, ब्राजील, अमेरिका और आयरलैंड जैसे देशों के हैं. जहां एक ओर इन लोगों के शरीर में पाया जाने वाला ये खून इन्हें दुर्लभ बनाता है, वहीं इनके साथ सबसे बड़ी समस्या ये है कि इन लोगों को अगर खून की जरूरत हुई तो फिर इन्हें और कोई भी ब्लड नहीं चढ़ाया जा सकता.
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