भारत में अपने कर चलाई होगी तो आपने गौर किया होगा कि भारत में सभी कारों की स्टीयरिंग दाईं यानी राइट साइड होते हैं. लेकिन वही आपने अगर कोई अमेरिका या फ्रांस में कोई कार देखी होगी तो उसकी स्टीयरिंग बाईं यानी लेफ्ट साइड होती है. अब आपके मन में सवाल तो आता होगा कि यह देखने के बाद कई लोगों के मन में सवाल आता है. आखिर क्या है यह लेफ्ट साइड और राइट साइड का माजरा. क्यों दुनिया के अलग देशों में अलग दिशा में होती है गाड़ी की स्टीयरिंग. चलिए जानते हैं इसका जवाब.
सड़क पर चलने के नियम है अलग
सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया के कुछ और देश में राइट साइड में गाड़ियों की स्टीयरिंग होती है. भारत के अलावा इंग्लैंड में भी दाएं और स्टीयरिंग होती है. इसके अलावा आयरलैंड और ऑस्ट्रेलिया में भी दाएं और स्टीयरिंग होती है. तो वही अमेरिका, फ्रांस और नीदरलैंड जैसे देशों में बाईं और गाड़ी की स्टीयरिंग होती है.
दरअसल ऐसा इन देशों के सड़क पर चलने के नियमों के चलते होता है. भारत और इंग्लैड सहित जिन देशों में राइट साइड चल जाता है . उन देशों में गाड़ी की स्टीयरिंग राइट साइड में होती है. ऐसे ही अमेरिका और फ्रांस सहित जिन देशों में लेफ्ट साइड चल जाता है उन देशों में गाड़ी की स्टीयरिंग लेफ्ट साइड होती है.
भारत में राइट साइड क्यों है?
कई लोगों के मन में यह सवाल आता है कि भारत में राइट साइड ही गाड़ियों की स्टीयरिंग क्यों होती है. तो इसके पीछे सिंपल सा आंसर है. भारत पर लंबे समय तक अंग्रेजों का राज रहा है. और जब अंग्रेज भारत में रहे तो अपने अंग्रेजी ढंग से रहे.
क्योंकि अंग्रेजी राज के दौरान ब्रिटेन में गाड़ियों की स्टेरिंग राइट साइड ही हुआ करती थी. इसलिए जब वह भारत भी आए तब यहां भी गाड़ियों की स्टीयरिंग राइट साइड ही हुई. यानी कह सकते हैं भारत में राइट साइड गाड़ी की स्टीयरिंग होना अंग्रेजों के चलते है.
यह भी पढ़ें: वेंटिलेटर के जरिए कोई मरीज कितने साल तक जी सकता है? इस व्यक्ति ने बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड