ये था दुनिया का सबसे बड़ा कछुआ, करोड़ों साल पहले करता था यूरोपीय महासागर पर राज
ये कछुआ जिंदा नहीं बल्कि एक जिवाश्म के रूप में मिला है. इसके अवशेषों से पता चलता है कि ये अब तक यूरोप में पाए गए सभी कछुओं में से सबसे बड़ा है.
कहते हैं कि सबसे धीरे चलने वाला कछुआ काफी वर्षों तक जीता है. लेकिन आज तक आपने कितना बड़ा कछुआ देखा है. शायद कुछ सेंटीमीटर बड़ा, लेकिन आज हम आपको जिस कछुआ के बारे में बता रहे हैं वो इतना बड़ा था कि उसकी लंबाई चौड़ाई जान कर आपके होश फाख्ता हो जाएंगे. डायनासोर के युग का ये कछुआ लंबाई के साथ-साथ वजन में भी विशालकाय था. वैज्ञानिकों का अनुमान है कि इस कछुआ का वजन लगभग 2 टन के आस-पास होगा. कहा तो यहां तक जा रहा है कि यूरोप में अब तक मिले सभी कछुओं में से ये सबसे बड़ा है.
कहां मिला ये कछुआ
ये कछुआ जिंदा नहीं बल्कि एक जिवाश्म के रूप में मिला है. इसके अवशेषों से पता चलता है कि ये अब तक यूरोप में पाए गए सभी कछुओं में से सबसे बड़ा है. कहा जा रहा है कि ये 8.3 करोड़ वर्ष पहले पृथ्वी पर मौजूद होगा. इसकी लंबाई कुल 12 फुट के आस-पास होगी. यानी एक औसत इंसान की हाइट से दोगुनी से ज्यादा.
पृथ्वी पर सबसे बड़ा कछुआ कौन है
फिलहाल पृथ्ली पर जो सबसे बड़े कछुए हैं और जिंदा हैं...वो हैं लेदरबैक कछुआ. इनकी लंबाई 7 फुट तक हो सकती है. हालांकि, पृथ्वी पर मिले अब तक के सबसे बड़े कछुओं की बात करें तो उनमें सबसे ऊपर नाम आता है आर्चेलोन का जिसकी लंबाई 15 फुट के आसपास थी. हालांकि, कहा जाता है कि जब इस पृथ्वी पर डायनासोर थे तो उनमें एक कछुआ की प्रजाति हुआ करती थी मोजासॉरस जिनकी लंबाई 50 फुट के आसपास हुआ करती थी.
इतने बड़े कैसे हो जाते थे कछुए
बार्सिलोना विश्वविद्यालय में पेलियंथोलॉजी की पढ़ाई कर रहे ऑस्कर कास्टिलो का इस पर कहना है कि जब इस पृथ्वी पर डायनासोर रहा करते थे, तब इन कछुओं का आकार बहुत बड़ा हुआ करता था. कछुए अपने शरीर का आकार इसलिए बड़ा करते थे, ताकि वह अपने आस पास मौजूद शिकारियों से बच सकें. आज भी कुछ जीव अपने आकार में इसी तरह का परिवर्तन करते हैं.
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