(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
ये है दुनिया का सबसे नया धर्म, बनानेे के पीछे भी है खास वजह
दुनिया का सबसेे प्राचीन ग्रंथ हिंदू माना जाता है लेकिन क्या आपको पता है कि दुनिया का सबसेे नया धर्म कौनसा हैै और इसे बनाने का उद्देेश्य क्या है.
दुनिया का सबसे नया धर्म अब्राहमी हैै. पहली बार इस शब्द का इस्तेमाल 2020 में किया गया था. जब संयुक्त अरब अमीरात और बहरीन ने इजरायल के साथ एक समझौते पर साइन किए थे. उस समय तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके सलाहकार जेरेड कुशनर नेे जो समझौता किया था उसे अब्राहम समझौता नाम दिया. हालांकि इस धर्म को लेकर विवाद भी जारी है लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस धर्म को बनाया क्यों गया था.
क्यों बनाया गया था अब्राहमी धर्म
अब्राहमी धर्म को बनाने का मकसद इस्लाम, ईसाई और यहूदी धर्म के बीच समानता को देखते हुए आपसी मतभेदों को मिटाना था. यूं तो इन तीनों धर्मों को अब्राहमी धर्म की श्रेणी में रखा जाता है लेकिन अब्राहमी धर्म का मकसद एक ऐसा धर्म बनाना था जिसका न कोई धर्मग्रंथ हो और न ही कोई अनुयायी. इस धर्म का कोई अस्तित्व भी नहीं है. इस धर्म का मुख्य मकसद आपसी मतभेदों को मिटाना था.
'राजनीति के लिए बना धर्म'
विशेषज्ञों का कहना है कि ये एक धार्मिक प्रोजेक्ट है. हालांकि धर्म के नाम पर राजनीति आज के जमाने की बात नहीं है, बल्कि ये पिछलेे कई दशकों से होती आ रही है लेकिन राजनीति के लिए नया धर्म बनने पर सभी को हैरानी हुई. हालांकि जहां अरब देश हमेशा से अपने धर्म का पालन करते आए हैं वहीं इस धर्म नेे अरब देशों को सोचने पर मजबूर कर दिया है.
कौन कर रहा विरोध
इस धर्म का विरोध इस्लामी धर्मगुरुओं द्वारा किया जा रहा है. कुछ इस्लामी धर्मगुरु ये मानते हैं कि इस धर्म के जरिए इस्लामी एकता को अलग-अलग दिखाने की कोशिश की जा रही है. जबकि अरब देेशों के लोगों को इस् धर्म के बहाने चर्चा का एक नया विषय मिल गया है. इस धर्म को लेकर सभी की अपने-अपने तर्क और दलीलें हैं.
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