सोने से बनी है ये मस्जिद, जानिए कहां है और क्या है इसकी खासियत
भारत में कई सारे मस्जिद हैं, जो अपनी भव्यता के लिए जाने जाते हैं. लेकिन उत्तर प्रदेश में एक ऐसा मस्जिद है, जो सबसे ज्यादा सोना लगे होने के कारण जाना जाता है. जानिए क्या है इस मस्जिद की खासियत
देश की कई मस्जिद अपने भव्य इबादतगाहों के लिए प्रसिद्ध है. लेकिन आज हम आपको एक ऐसे मस्जिद के बारें में बताएंगे, जिसमें सबसे ज्यादा सोना लगा हुआ है. ये मस्जिद अपने भव्यता के साथ ही सोना लगे होने के कारण पूरे विश्व में प्रसिद्ध है. इस मस्जिद में एक साथ करीब 5 हजार लोग नमाज भी पढ़ सकते हैं.
कहां है ये मस्जिद
ये मस्जिद उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ के कोट इलाके में स्थित जामा मस्जिद है. अलीगढ़ की जामा मस्जिद भारत ही नहीं बल्कि एशिया में सबसे ज्यादा सोना लगे होने के कारण मशहूर है. जानकारी के मुताबिक जामा मस्जिद अवधी एवं मुगलकालीन वास्तु कला का अनूठा संगम है.
5000 लोग एक साथ पढ़ सकते हैं नमाज
जामा मस्जिद के कमेटी सदस्य गुलरेज़ अहमद ने बताया कि कहा जाता है कि ताजमहल बनाने वाले मुख्य इंजीनियर ईरान के अबू ईसा अंफादी के पोते ने जामा मस्जिद का निर्माण किया था.जामा मस्जिद के 17 गुंबदों को ठोस सोने से बनाया गया है. इस मस्जिद में लगभग 5 से 6 क्विंटल सोना लगा हुआ है. साथ ही इस मस्जिद में लगभग 5,000 लोग एक साथ बैठकर नमाज अदा कर सकते हैं और इस मस्जिद में महिलाओं के लिए अलग से नमाज अदा करने की जगह बनी हुई है.
300 साल पुराना मस्जिद
जानकारी के मुताबिक करीब 300 साल पहले जामा मस्जिद का निर्माण कोल के गवर्नर साबित खान जंगे बहादुर के शासनकाल में साल 1724 में कराया गया था. इसके निर्माण में 4 साल लगे थे. तब जाकर यह साल 1728 में बनकर तैयार हुआ था. वहीं मस्जिद के गेट और चारों कोनों पर भी छोटी-छोटी मीनारें हैं. वहीं इस मस्जिद में 1857 की क्रांति के 73 शहीदों की कब्रें हैं. इसलिए इसे गंज-ए-शहीदान यानी शहीदों की बस्ती भी कहा जाता है.
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