आपने लोगों को अक्सर यह कहते सुना होगा यह मेरे खून पसीने की कमाई है. इसका मतलब होता है उन्होंने खूब मेहनत की जिसमें पसीना बहा है तब जाकर धन अर्जित किया है. यूं तो पसीना आना एक सामान्य प्रक्रिया है. जितने भी लिविंग थिंग्स यानी जीवित जीव है सभी को पसीना आता है. गर्मी में थोड़ी मेहनत करने के बाद पसीना लगता है, जरा सी भाग दौड़ करने के बाद पसीना आने लगता है. पसीना जरूरी है क्योंकि शरीर को ठंडा रखने की नेचुरल प्रोसेस है. लेकिन क्या आपको पता है शरीर के एक हिस्से पर पसीना नहीं आता. कौन सा है वह हिस्सा? आइए जानते हैं.
होठों पर नहीं आता पसीना
हमने अक्सर देखा है हमारे शरीर में खूब पसीना आता है लेकिन शरीर का एक अंग ऐसा है जहां पसीना नहीं आता. और वह है इंसान के होंठ. अगर आपने कभी गौर किया होगा तो आपको यह बिल्कुल समझ आएगा कि हां वाकई में होठों पर पसीना नहीं आता. लेकिन इसके पीछे बात क्या है आखिर क्यों नहीं आता होठों पर पसीना. इंसान के सबसे संवेदनशील शारीरिक अंगों में से एक है उसके होंठ.
होंठ के बचाव के लिए उन पर कोई परत नहीं होती. होठों पर पसीना ना आने का कारण है कि होठों में स्वेट गलैंड्स नहीं होते यानी की शरीर में जिन ग्रंथियां से पसीना पैदा होता है होठों में वह नहीं होती और यही कारण है की होंठ जल्दी सूख भी जाते हैं.
इस ग्लैंड के कारण निकलता है पसीना
शरीर में जो ग्रंथि यानी ग्रंथि पसीना पैदा करती है उसे एक्सोक्राइन ग्रंथि कहा जाता है. जो शरीर के पूरे भाग में फैली हुई होती है. जिसे सुडोरिपेरस ग्लैंड के नाम से भी जाना जाता है. सुडोरिपेरस ग्लैंड का नाम लैटिन भाषा के शब्द 'सुडोर' पर पड़ा है. जिसका मतलब होता है पसीना.
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