Door of hell: दुनिया में बहुत सी जगह ऐसी होती हैं, जिनके बारे में जानकर हर कोई दंग रह जाता है. इसी कड़ी में आज हम आपको दुनिया की एक ऐसी जगह के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके बारे में कहा जाता है कि यहां जाना तो दूर अगर कोई इसके आसपास भी चला जाए तो वापस लौट कर नहीं आता है. इसे लोग ‘नर्क का द्वार’ कहते हैं. दरअसल, यह बात है एक मंदिर की. हेरापोलिस में स्थित यह जगह कई सालों तक  रहस्यमय बनी हुई थी, क्योंकि लोगों का मानना था कि यूनानी देवता की जहरीली सांसों की वजह से यहां आने वाले लोगों की मौत हो जाती है. इसे प्लूटो का मंदिर यानी मौत के देवता का मंदिर कहा जाने लगा. 


कई सालों तक यही माना जाता रहा कि मौत के देवता की सांस की वजह से मंदिर या उसके आसपास के क्षेत्र में जाने वालों की मौत हो जाती है. लगातार होने वाली मौतों की वजह से इस मंदिर को लोगों ने ‘नर्क का द्वार’ नाम दे दिया था.


वैज्ञानिकों ने उठाया रहस्य से पर्दा
हालांकि, कई सालों बाद वैज्ञानिकों ने लगातार हो रही मौत के पीछे की वजह ढूंढ निकाली. दरअसल, वैज्ञानिकों ने बताया कि इस मंदिर के नीचे से लगातार जहरीली कार्बन डाई ऑक्साइड गैस रिसकर बाहर निकलती रहती है. ऐसे में, अगर कोई इंसान या पशु-पक्षी इसके संपर्क में आता है तो उसकी मौत हो जाती है. कार्बन डाइ ऑक्साइड गैस इतनी खरतनाक होती है कि मात्र 10 फीसदी गैस ही किसी भी इंसान को 30 मिनट के अंदर मौत की नींद सुला सकती है. जबकि इस मंदिर की गुफा में कार्बन डाई ऑक्साइड जैसी जहरीली गैस की मात्रा 91 फीसदी है.


थर्मल स्पा के तौर पर मशहूर था शहर
दरअसल, हेरापोलिस शहर पठारी इलाके पर बसा हुआ एक प्राचीन रोमन शहर है. इस शहर में छोटी सी जगह में ही काफी विविधता देखने को मिलती है. यहां पर बने गर्म पानी के स्त्रोत यहां की खासियत हैं. ये कैल्शियम से भरपूर हैं और इनमें हर समय पानी के बुलबुले उठते रहते हैं. इसलिए यह शहर दूसरी सदी में ही थर्मल स्पा के तौर पर मशहूर था. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इस शहर में दूर-दराज से लोग अपनी बीमारियों के इलाज के लिए आया करते थे. खासकर जोड़ों और त्वचा से जुड़े रोगों के इलाज के लिए यह शहर काफी फेमस था.


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