एक विमान जो हवा के साथ पानी में भी तैर सकता हो, इसकी मात्र हम कल्पना ही कर सकते हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि असल में एक विमान ऐसा हुआ करता था. दरअसल हम जिस विमान के बारे में बात कर रहे हैं, वो है एम्फ़िबियस विमान है. ये विमान हवा में उड़ने के साथ-साथ पानी पर भी तैरने और चलने में सक्षम होते हैं. इनका इस्तेमाल समुद्र में बचाव कार्यों, समुद्री निगरानी और सैन्य अभियानों के लिए किया जाता था.
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सोवियत संघ का था गौरव
बता दें बेरियेव बी-200 अपने समय का सबसे बड़ा और शक्तिशाली एम्फ़िबियस विमानों था. इसे सोवियत संघ ने डिजाइन और निर्मित किया था. यह विमान अपनी विशाल क्षमता और बहुमुखी प्रतिभा के लिए जाना जाता था.
गौरतलब है कि यह विमान हवा में उड़ान भरने के साथ-साथ पानी पर उतरने और चलने में सक्षम था. साथ ही इसे इसे आग बुझाने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता था. इसके अलावा इसका उपयोग समुद्री निगरानी में भी होता था.
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सोवियत संघ के लिए था बहुत जरुरी
सोवियत संघ के लिए यह विमान एक महत्वपूर्ण सैन्य संपत्ति था. जो प्राकृतिक आपदाओं के दौरान बचाव कार्यों में भी काम आता था. इसके अलावा ये समुद्री सीमाओं की निगरानी के लिए भी बहुत जरुरी था.
कैसे हुआ अंत?
सोवियत संघ के टूटने के बाद रूस की अर्थव्यवस्था काफी कमजोर हो गई और इस कारण से बेरियेव बी-200 जैसे बड़े और महंगे विमानों का उत्पादन बंद हो गया. इसके अलावा, नए और ज्यादा आधुनिक विमानों के आने के कारण भी बेरियेव बी-200 की मांग कम हो गई.
आज के समय में ऐसे विमानों का विकास बहुत कम होता है. हालांकि, कुछ कंपनियां अभी भी इस तरह के विमानों पर काम कर रही हैं, लेकिन इन विमानों का बड़े स्तर पर उपयोग नहीं किया जाता है.
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