एयरपोर्ट के टर्मिनल की तरह है इस रेलवे प्लेटफॉर्म की कहानी, एक से दूसरे पर जाने के लिए करनी पड़ती है टैक्सी
Railway Platform: आप कभी दिल्ली एयरपोर्ट से उड़ान भरने के लिए गए होंगे तो आपने नोटिस किया होगा कि एक टर्मिनल से दूसरे पर जाने के लिए टैक्सी करनी पड़ती है. यही हाल इस रेलवे प्लेटफॉर्म का भी है.
Railway Platform: भारतीय रेलवे के बारे में शायद ही कोई होगा जो नहीं जानता होगा. जानना तक तो ठीक है. बेहद कम ही लोग होंगे जो जीवन में कभी ट्रेन से सफर नहीं किए होंगे. लेकिन यह कहानी सफर करने वाले से लेकर यात्रा ना करने वाले तक सभी को रोमांचक लगने वाली है. एक ऐसा रेलवे स्टेशन इस देश में है जो एयरपोर्ट के टर्मिनल की तरह काम करता है. मेरा काम से मतलब यह नहीं है कि वहां से जहाज उड़ान भरती है. बल्कि टर्मिनल की तरह वहां पर भी एक प्लेटफॉर्म से दूसरे पर जानें में टैक्सी करने की जरूरत पड़ती है. आइए जानते हैं कि वह रेलवे स्टेशन कौन सा है? और लोग उसके बारे में क्यों इतनी चर्चा करते हैं.
कहां है ये स्टेशन
यह खास रेलवे स्टेशन बिहार राज्य में स्थित बरौनी रेलवे स्टेशन है, जहां दोनों प्लेटफॉर्म के बीच की दूरी 2 किलोमीटर है. अगर आपको एक प्लेटफॉर्म से दूसरे प्लेटफॉर्म पर जाते हैं तो रिक्शा लेना पड़ जाता है. कई बार तो टैक्सी बुक करने की नौबत आ जाती है. यह अंग्रेजों के जमाने में बनकर तैयार हुआ था. उस वक्त लोगों को इस बात का अंदाजा नहीं था कि भविष्य में और प्लेटफॉर्म बनाने की जरूरत पड़ सकती है. इसलिए कम जगह के बावजूद वहां प्लेटफॉर्म बना दिया गया. बाद में जब नए प्लेटफॉर्म बनाने की बात आई तो पता चला कि वहां पर पर्याप्त जगह ही नहीं है. ऐसे में कैसे नया प्लेटफॉर्म तैयार किया जा सकता है.
इस वजह से इतना दूर पर बनाया गया प्लेटफॉर्म
इसके चलते नए प्लेटफॉर्म के लिए सरकार को मजबूरन 2 किलोमीटर की दूरी पर निर्माण करना पड़ा. जब नए प्लेटफॉर्म का निर्माण हो गया तो यात्रियों की सुविधा के लिए रेलवे अधिकारियों ने प्लेटफॉर्म नंबर एक को सिर्फ मालगाड़ी के लिए आरक्षित कर दिया. आज के समय में पुराने प्लेटफॉर्म पर सिर्फ मालगाड़ी ही रुका करती है. इस जंक्शन का नाम बाद में बदलकर बरौनी जंक्शन से न्यू बरौनी जंक्शन कर दिया गया.
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