भारत की इस सड़क को कहा जाता है ‘रोड टू हेवन’, एक ओर समुद्र तो दूसरी ओर का ये नजारा कराता है स्वर्ग सा नजारा
कच्छ के लखपत तालुका में घडुली से पाटन में संतलपुर तालुका तक 28 किमी तक का हिस्सा सफेद रेगिस्तान से होकर गुजरता है. जहां 278 किमी लंबा राष्ट्रीय राजमार्ग बनाया जा रहा है.
गुजरात का कच्छ धरती की बहुत सी खूबसूरती अपने अंदर समाए हुए हैं. यहीं पर स्थित है एक मार्ग जिसे 'रोड टू हेवन' कहा जाता है. गुजरात का कच्छ क्षेत्र भोगोलिक विविधता के लिए जाना जाता है. यहां के सफेद रेगिस्तान को देखने सैलानियों का हूजूम आता है. यहीं पर पछम और खादिर के बीच सफेद रेगिस्तान को काटने वाली एक सड़क अब अपने आप में एक पर्यटन स्थल के रूप में उभरकर सामने आ रही है. इस सड़क के दोनों ओर विशाल रेगिस्तान है. इस विशाल रेगिस्तान से होकर गुजरने पर आपको स्वर्ग सी अनुभूति होगी. इसीलिए इस सड़क को 'रोड टू हेवन' कहा जाता है.
क्यों है खास?
भुज तालुका से खावड़ा गांव से आगे बढ़ने के बाद ये सड़क सफेद रेगिस्तान से होकर गुजरती है. विशाल रेगिस्तान के बीच से गुजरती ये सड़क ऐसा आभास कराती है कि रेगिस्तान के दो भाग हो गए हों. मानसून की बारिश और कच्छ की उत्तरी समुद्री सीमा से आने वाले पानी के कारण रेगिस्तान में बाढ़ आ जाती है. जिसके बाद रेगिस्तान से गुजरने वाले यात्रियों के लिए ये सड़क रेगिस्तान और समुद्र के बीच का अंतर मिटा देती है. इस खूबसूरत अहसास को महसूस करने के लिए पर्यटक दूर-दूर से कच्छ आते हैं.
कच्छ के लखपत तालुका में घडुल से पाटन में संतलपुर तालुका तक 278 किमी लंबा राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण किया जा रहा है. जिसका 28 किलोमीटर का हिस्सा सफेद रेगिस्तान से होकर गुजरता है. ये राजमार्ग कच्छ के पर्यटन और अंदरूनी इलाकों के विकास के लिए एक जरूरी रास्ता साबित हो सकता है. पिछले चार साल से इसका निर्माण जारी है.
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