जब भी किसी देश में साक्षरता दर की बात आती है तो वहां इस लिस्ट में स्लम एरिया पीछे ही होते हैं. भारत या दुनिया के सबसे घनी आबादी वाले स्लम एरिया की बात करें तो उसका नाम धारावी है. वैसे तो यहां के लोगों की जनसंख्या का पता लगा पाना मुश्किल है, लेकिन पिछली जनगणना में ये सामने आया था कि यहां झुग्गी बस्ती में लगभग 10 लाख यानी 1 मिलियन लोग रहते हैं. जो दुनिया के कई देशों की जनसंख्या से ज्यादा है. वहीं स्लम एरिया में साक्षरता दर की जब बात आती है तो उसमें भी धारावी का ही नाम आगे है.

पढ़ाई लिखाई को महत्व देते हैं लोग
मुंबई के बीचो बीच बसा धारावी दो वर्ग किमी में फैला एरिया है. इतनी कम जगह पर इतनी घनी आबादी का रहना बहुत बड़ी बात मानी जाती है. वहीं दूसरी ओर यहां के लोग पढ़ाई लिखाई को भी बहुत महत्व देते हैं, यही वजह है कि धारावी देश की सबसे अधिक पढ़ी लिखी झुग्गी बस्ती भी है. यहां की साक्षरता दर 69 प्रतिशत है.

क्या होता है स्लम एरिया?
दरअसल स्लम का अर्थ होता है गंदी बस्ती. वहीं धारावी बहुत घनी आबादी वाला क्षेत्र है. यहां 10 लाख से ज्यादा लोग बहुत ही कम जगह में जीवन यापन कर रहे हैं. यही वजह है कि इस इलाके में गंदगी भी बहुत ज्यादा है. इसके अलावा यहां बिजली, साफ पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं का भी अभाव है जिसकी वजह से यहां व्यवस्था भी सही से नहीं हो पाती.

वहीं धारावी में कुछ लोग बेहद कम वेतन पर नौकरियां करके अपना जीवन यापन कर रहे हैं. वहीं कुछ लोग इस क्षेत्र में व्यापार करके जीवन चला रहे हैं. यहां लोगों ने अपने घर के बाहर छोटे-बड़े कारखाने खोले हुए हैं जिसमें वो कपड़ा, चमड़ा, मिट्टी के बर्तन, स्टील जैसे प्रोडक्ट्स का निर्माण करते हैं.                


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